Bareilly: कृषि विभाग में फिर निकला घोटाले का जिन्न, प्रमुख सचिव ने तलब की रिपोर्ट

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। कृषि विभाग में हुए घोटाले की फाइल एक बार फिर खुल गई है। शासन तक मामला पहुंचने पर खलबली मची है। प्रमुख सचिव ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात तकनीकी सहायक मयंक यादव के खिलाफ किसानों से जुड़ी योजनाओं में लाखों का अनुदान निजी खाते में ट्रांसफर कराने समेत गई गंभीर अनियमितताओं की जांच के संबंध में डीएम से स्पष्ट आख्या तलब की है।

इसके बाद डीएम ने आनन-फानन में उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह से प्रकरण से जुड़ी फाइल तलब की है। वहीं, तत्कालीन डीएम रविंद्र सिंह के आदेश के बाद भी मयंक के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे जांच अधिकारी भी लपेटे में आ गए हैं।

बता दें, बहेड़ी की पंजाब कॉलोनी निवासी राज कमल ने बीते दिसंबर माह में लखनऊ में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में की थी। इसमें उप कृषि निदेशक कार्यालय में तैनात तकनीकी सहायक मयंक पर सरकारी योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। कहा गया था कि साल 2011 में मयंक की बीटीएम के पद पर आलमपुर जाफराबाद में तैनाती हुई थी।

अगले ही साल सपा की सरकार बनी तो उसने कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं पर कब्जा कर लिया। 2017 में गड़बड़ी की शिकायतों पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने उसकी सेवाएं समाप्त कीं, लेकिन जोड़तोड़ कर वह बदायूं में उप कृषि निदेशक कार्यालय में लग गया। इसके बाद वर्ष 2023 में उसने फिर सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से बिलवा स्थित उप कृषि निदेशक कार्यालय में एनएफएसएम योजना में तैनाती करा ली। आरोप है कि मयंक ने करीब चार लाख रुपये की सब्सिडी अधिकारियों से साठगांठ कर अपने खाते में डलवाई है। शिकायतकर्ता ने ट्रेजरी से मयंक के खाते में भेजी गई अनुदान की धनराशि के साक्ष्य भी दिए थे, लेकिन यह मामला दबा दिया गया।

प्रभाव ऐसा कि सीडीओ की बनाई कमेटी ने भी खड़े कर दिए थे हाथ
जनवरी 2025 में मुख्य सचिव के आदेश पर तत्कालीन डीएम रविंद्र कुमार ने सीडीओ जगप्रवेश को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया। डीसी एनआरएलएम और माध्यमिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को जांच सौंपी गई थी। यह जांच पूरी होती इससे पहले ही राजनीतिक दखल ने मयंक को बचा लिया। इस बीच फिर शिकायतकर्ता ने शासन में शिकायत की। तीन दिन पहले प्रमुख सचिव कृषि ने डीएम को फोन किया और तत्काल मयंक प्रकरण में स्पष्ट आख्या मांगी। इसके बाद आनन-फानन में घोटाले से जुड़ी फाइल को तलाशने में महकमा लग गया।

फाइलों में आग लगवाने वाले बाबू भी रडार पर
उप कृषि निदेशक कार्यालय में अराजकता के महौल का अंदाजा तो इससे लगाया जा सकता है कि विभागीय योजनाओं में घोटाला उजागर होने के डर से पिछले साल दो बाबुओं ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में रखी अलमारी में ही आग लगा दी थी। इस घटनाक्रम को लेकर कई दिन तक हल्ला मचा रहा। यहां तक कि दोनों बाबुओं का तबादला करने के लिए शासन में लिखा गया, लेकिन वह बच निकले और कार्यालय में ही जमे हुए हैं।

उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह ने बताया कि मयंक यादव के खिलाफ पहले से ही जांच चल रही है। डीएम ने इस प्रकरण में अब तक क्या कार्रवाई हुई और क्या प्रकरण है, इसकी जानकारी मांगने के साथ प्रकरण से जुड़ी फाइल तलब की थी। जो डीएम कार्यालय भेज दी गई है।

 

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