UP में E-Challan को प्रभावी बनाने पर परिवहन और यातायात विभाग के बीच मंथन
कैमरा आधारित ई-चालान में चालानकर्ता का प्रत्यक्ष पता न होने पर वाहन स्वामी ही उत्तरदायी
लखनऊ, अमृत विचार। प्रदेश के शहरों में यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग की ओर से संयुक्त हेलमेट एवं सीट-बेल्ट जांच अभियान जल्द शुरू किया जाए जिससे सड़क सुरक्षा के कार्यों को नई गति मिल सके। ई-चालान वसूली को प्रभावी बनाया जाए। कैमरा आधारित ई-चालान में चालानकर्ता का प्रत्यक्ष पता न होने की स्थिति में वाहन स्वामी को ही प्राथमिक उत्तरदायी माना जाएगा।
उनके ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन/निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी। विशेषकर तब जब उल्लंघन गंभीर प्रकृति का हो या बार-बार किया गया हो। चालान नोटिस में इस विषय को स्पष्ट रूप से अंकित करने की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है, ताकि ड्राइविंग लाइसेंस पर दायित्व आधारित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बुधवार को संयुक्त बैठक में सड़क सुरक्षा से जुडे़ कई अहम पहलुओं पर निर्णय लिया गया। इसकी अध्यक्षता परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात के. नारायण द्वारा की गई। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, यातायात निदेशालय सुभाष चन्द्र दूबे तथा अपर परिवहन आयुक्तगण सहित परिवहन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य ई-चालानों की वसूली को अधिक प्रभावी बनाना, गंभीर दुर्घटनाओं में संलिप्त लाइसेंसधारकों और वाहनों की पहचान तथा ऐसे मामलों में विधिसम्मत निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराना रहा।
ई-चालानों की अधिकतम वसूली के लिए आईटीएमएस एवं यातायात पुलिस के बीच समन्वय स्थापित कर वाहन स्वामियों को व्हाट्सएप के माध्यम से चालान विवरण भेजे जाने की नवीनतम व्यवस्था को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके अतिरिक्त भारत बिल पेमेंट सिस्टम को यातायात विभाग में लागू करने पर भी विचार किया गया, ताकि भुगतान की प्रक्रिया को सुगम एवं डिजिटल रूप में अपनाया जा सके।
