बाराबंकी में स्कूल से लौटते वक्त छात्र की मौत, एक दिन में 12 बच्चे बेहोश
भीषण गर्मी, बदइंतजामी या लापरवाही? बच्चों की बिगड़ती सेहत से अभिभावक चिंतित
बाराबंकी, अमृत विचार : शुक्रवार का दिन जिले के शिक्षा जगत के लिए काला दिन साबित हुआ। एक छात्र की कार्डियक अरेस्ट से मौत, वहीं 12 से अधिक छात्र-छात्राएं अलग-अलग स्कूलों में बेहोश हो गईं। इन घटनाओं ने न केवल अभिभावकों को झकझोर कर रख दिया बल्कि विद्यालयों की व्यवस्थाओं पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हैदरगढ़: स्कूल से लौटते वक्त गश खाकर गिरा छात्र, अस्पताल में मौत
दरअसल, हैदरगढ़ थाना क्षेत्र के दीवान खेड़ा निवासी विकास रावत (कक्षा 10) स्कूल की छुट्टी के बाद जब घर लौट रहा था, तभी रास्ते में अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। परिजनों ने तत्काल उसे सीएचसी हैदरगढ़ पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सौरभ शुक्ला ने बताया कि बच्चे की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है।
एक साथ छात्राएं बेहोश
वहीं, महारानी लक्ष्मीबाई इंटर कालेज व एक अन्य कॉलेज में एक साथ कुल आठ छात्राएं बेहोश हो गईं। सभी को आनन फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर डाक्टरों ने इनका इलाज शुरु किया। एक साथ ही बड़ी संख्या में बच्चों के पहुंचने से हड़कंप मच गया। उधर सूचना पाकर परिजन भी अस्पताल पहुंच गये। हालत में सुधार होते ही परिजन छात्राओं को लेकर घर चले गए। विकासखंड बंकी के प्राथमिक विद्यालय लखैचा में भीषण गर्मी के चलते एक छात्रा चक्कर खाकर बेहोश हो गई। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। फतेहपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय इसरौली में शुक्रवार को तीन छात्र अचानक बेहोश हो गए थे, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। सरकारी विद्यालय के बच्चों की तबीयत बिगड़ने की यह पहली घटना है।
स्कूलों की बदइंतजामी पर उठे सवाल : स्कूली बच्चों के साथ हो रही घटनाओं के पीेछे स्कूल भी कम जिम्मेदार नही हैं। सीमित दायरे वाले कमरों में बच्चों को ठूंसना, पर्याप्त रोशनी व गर्म हवा निकलने की इंतजाम न होना व पंखों की गड़बड़ी भी मामूली वजह नही है। एक छात्रा के परिजन ने विद्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कदर भीषण गर्मी में एक-एक कक्षा में 60–70 बच्चे भरे होते हैं, जिनमें महज़ तीन-चार पंखे लगे हैं। वह भी बिजली होने पर चलते हैं। यहां तक कि जेनरेटर तक नहीं चलाया जाता। यही कारण है कि बच्चे बार-बार बीमार हो रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि इस पर तुरंत ध्यान दिया जाए और विद्यालयों में छात्रों की संख्या के अनुसार पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
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