UP मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार पर संशय, केंद्र से नहीं मिली हरी झंडी, जानिए कब होंगे सेवानिवृत्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को लगभग 15 दिन पहले ही पत्र लिखकर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार की मांगा था लेकिन अभी तक केंद्र सरकार की हरी झंडी नहीं मिली है। ऐसे में यूपी के सियासी गलियारें में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
शासन से जुड़े सूत्रों की माने तो मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार पर संशय बना हुआ है। उनको सेवा विस्तार मिलेगा, इस बात की संभावना काफी कम लग रही है। अगर उनका विस्तार नहीं होता है तो यूपी की नौकरशाही में फिर बड़े स्तर पर फेरबदल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
दरअसल मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। राज्य सरकार केंद्र से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही है। हालांकि कुछ सूत्रों का ये मानना है कि सेवा विस्तार को लेकर जो भी पत्र मिलेगा वह 31 जुलाई को ही मिलने की संभावना है लिहाजा अभी इस बात पर संशय बना हुआ है कि उनको विस्तार मिलेगा या नहीं।
मनोज कुमार सिंह को 1988 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह को दुर्गा शंकर मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद 30 जून, 2024 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। मिश्रा को भी ढाई साल का सेवा विस्तार मिला था। सूत्रों ने बताया कि हालांकि राज्य सरकार ने औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास में सिंह के योगदान का हवाला दिया है, जिसमें एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास भी शामिल हैं। पत्र में इस साल के अंत में होने वाले आगामी वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन और भूमिपूजन समारोह का भी उल्लेख है।
एक अधिकारी ने कहा, “ 2019 में, तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को निवेशक शिखर सम्मेलन के कारण छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।” सिंह वर्तमान में कई प्रमुख पदों पर हैं, जिनमें बुनियादी ढाँचा और औद्योगिक विकास आयुक्त, पीआईसीयूपी के अध्यक्ष, यूपीईआईडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), यूपीएसएचए के सीईओ और यूपी डीएएसपी के परियोजना निदेशक शामिल हैं।
इससे पहले, वह शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज और कृषि उत्पादन आयुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं। राज्य में शीर्ष स्तर पर नौकरशाही में अपेक्षित फेरबदल उनके सेवा विस्तार पर केंद्र के निर्णय पर निर्भर करेगा।
