मरीज की जबरन करना चाहते थे सर्जरी, दो डॉक्टर और तीन नर्स निलंबित, जानिये पूरा मामला

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन टेबल पर गलत मरीज लिटाए जाने के मामले में सहायक आचार्य, सीनियर रेजिडेंट व तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई गुरुवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर हुई है। साथ ही दो सदस्यीय कमेटी गठित कर घटना की विस्तृत जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने घटना को बेहद लापरवाही पूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी एवं विभागाध्यक्ष, फॉरेंसिक मेडिसिन डॉ. पुनीत अवस्थी की एक संयुक्त कमेटी गठित कर की दी गयी है। शुरूआती जांच में पांच की भूमिका लापरवाही पूर्वक पाई गई। शासन के निर्देश पर प्रधानाचार्य ने आरोपित व ड्यूटी में तैनात दो असिस्टेंट प्रोफेसर, सर्जरी डॉ. सुधांशु शर्मा एवं सीनियर रेजिडेंट डॉ. विशाल त्यागी तथा तीन नर्स ऊषा देवी, अमरपाली एस लाल एवं स्नेहप्रभा को अग्रिम आदेशों तक निलम्बित कर दिया गया है। उन्हें प्रधानाचार्य कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। कमेटी द्वारा जांच पूर्ण करने के उपरान्त अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।

क्या है मामला

माधौगढ़ के डिकोली निवासी बृजेश चौधरी को पेट दर्द की शिकायत थी। उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने आंतों में सूजन बताई। 28 जुलाई को सर्जरी वार्ड सात में उनको भर्ती किया गया था। डॉक्टर के मुताबिक उसे सुबह डिस्चार्ज होना था, लेकिन दूसरे दिन मरीज को स्टाफ ऑपरेशन थिएटर लेकर पहुंच गए। मरीज के पूछने पर स्टाफ ने ऑपरेशन होने की जानकारी दी, जिसके बाद मरीज ने बताया कि डॉक्टर ने उसे डिस्चार्ज करने के लिए बोला था। इसके बावजूद स्टाफ ने मरीज की एक न सुनी। ऑपरेशन थिएटर ले गए और दो इंजेक्शन लगा दिए थे। घबराया मरीज ऑपरेशन थिएटर से भाग खड़ा हुआ था।

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