सहकारी नीति 2025 से जीडीपी में तीन गुना योगदान किया जाएगा: अरुण कुमार सिंह
लखनऊ, अमृत विचार: उप्र. सहकार भारती के अध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार सिंह ने केन्द्र द्वारा देश में लागू की गई सहकारी नीति 2025 की सराहना की, उन्होंने कहा कि प्रथम राष्ट्रीय सहकारी नीति 2002 लागू होने के बाद बहुराज्यीय सहकारी समिति बनी थी। समितियों के सहकारी आंदोलन से विसंगतियों को लेकर बहुराज्यीय सहकारी अधिनियम वर्ष 2002 में संशोधन भी किए गए थे। समावेशी राष्ट्रीय सहकारी नीति पर केंद्र सरकार द्वारा गंभीरता से विचार कर द्वितीय सहकारी नीति का अनावरण 24 जुलाई 2025 को देश के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गयी।
प्रदेश अघ्यक्ष, शनिवार को दारुलसफा स्थित कार्यालय में समितियों के पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सहकार भारती उप्र. की ओर से देश के गांव, गरीब, किसान एवं उद्यम करने वाले हर व्यक्ति एवं महिला के उत्थान को ध्यान में रखकर नई सहकारी नीति 2025 का स्वागत एवं अभिनंदन है । इस मौके पर प्रदेश महामंत्री अरविन्द दुबे ने राष्ट्रीय सहकारी नीति के मुख्य उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि सहकारी क्षेत्र का जीडीपी में तीन गुना योगदान करना है, समितियों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी, 50 करोड़,नये व निष्क्रिय सदस्यों को सक्रिय किया जाएगा, हर गांव में एक सहकारी समिति की स्थापना और हर तहसील में नाबार्ड की सहयोग से एक मॉडल सहकारी गांव की स्थापना की जाएगी, इसके अलावा रोजगार एवं युवा सहभागिता पर जोर दिया जाएगा। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष डीपी पाठक, कैलाश नाथ निषाद, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, सुरेन्द्र सिंह चौहान, सतीश कुमार दीक्षित एवं डॉ. सत्येन्द्र त्रिपाठी आदि लखनऊ महानगर एवं जिला इकाई के कार्यकर्ता उपस्थिति रहे।
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