UP : गंगा में फिर उफान, तटीय गांवों पर बाढ़ का खतरा, लगातार बारिश से बिगड़े हालात 

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
On

संभल/ बबराला। उत्तराखंड में लगातार बरसात के बाद हरिद्वार के भीमगौड़ा और बिजनौर के मध्य गंगा बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से भारी बढ़ोत्तरी हुई है। इस हालात में जनपद संभल के गुन्नौर तहसील में गंगा किनारे गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हालात को देख प्रशासन अलर्ट हो गया है।

गुरुवार शाम को गंगा नदी का जलस्तर अचानक बहुत तेजी से बढ़ने लगा। हालात देख गंगा किनारे इलाके में बसे लोग भी चौंक गये। बबराला के राजघाट पर गंगा का रौद्र रूप देखने के लिए तमाम लोग खड़े नजर आये। लोग चर्चा कर रहे थे कि सुबह तक सब ठीक था लेकिन उसके बाद जलस्तर बढ़ना शुरु हुआ तो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गंगा के जलस्तर में इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी से तटीय इलाके में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।

गुरुवार शाम चौधरी चरणसिंह बैराज नरौरा पर गंगा का जलस्तर 178.43 मीटर दर्ज किया गया। जबकि खतरे का निशान 178.765 मीटर है। इस दौरान बैराज की डाउन स्ट्रीम में 1,86,672 क्यूसेक पानी का बहाव दर्ज हुआ। सिंचाई विभाग के सूत्र गुरूवार रात में ही जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने की संभावना जता रहे हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर से खादर और तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

बाढ़ की आशंका से दहशत
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से जनपद संभल की गुन्नौर तहसील के रघुपुर पुख्ता, मेंगरा, नरूपुरा, शालिंग की मढै़यां, मैदावली, तोतापुर, बझांगी, ईसमपुर डांडा सहित दो दर्जन गांव प्रभावित हो सकते हैं। अचानक जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में भय का माहौल है। नरोरा बैराज के एसडीओ अंकित सिंह के अनुसार अनुसार गुरुवार को 44 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। जिससे गंगा का उफान और बढ़ गया। एसडीओ ने बताया कि हालात अभी नियंत्रण में हैं, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। तहसीलदार रविन्द्र विक्रम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी टीमें तैनात कर दी गई हैं और खादर क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हालात पर पूरी तरह से निगाह बनाये हुए है।

संबंधित समाचार