KGBV में बदल रही गरीब बेटियों की तकदीर... आवासीय मॉडल से मिल रहा उज्ज्वल भविष्य, प्रदेश का बढ़ रहा नाम

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : योगी सरकार में गरीब परिवार की बेटियों की शिक्षा अब केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रही, बल्कि वह सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम बन चुकी है। राज्य के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) आज ग्रामीण और वंचित वर्ग की बेटियों के लिए आवासीय शिक्षा, डिजिटल दक्षता, खेल, आत्मरक्षा और जीवन कौशल के केंद्र बन गए हैं।

इन विद्यालयों में इस समय 1.21 लाख से अधिक छात्राएं पढ़ रही हैं। इनमें 75 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों की बेटियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि शेष सीटें बीपीएल परिवारों की बालिकाओं के लिए निर्धारित हैं। यहां स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब और ''एक शब्द एक सूत्र'' जैसे नवाचारों के जरिए गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा रही है। कंप्यूटर लैब, अतिरिक्त डॉरमेट्री, टॉयलेट ब्लॉक, ओपन जिम, एस्ट्रोनॉमिकल लैब और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में हेल्पलाइन पट्टिकाएं, सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन, और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था भी की गई है। आईआईटी गांधीनगर की मदद से ''क्यूरियॉसिटी प्रोग्राम'' भी चलाया जा रहा है। खेलों में भी 222 बालिकाओं ने राज्य स्तर पर और 35 ने राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी कर योग्यता सिद्ध की है।

बेटियों की प्रेरक उपलब्धियां

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