पीलीभीत: जलकल में भ्रष्टाचार का शोर, सभासदों ने डीजल खर्च समेत रिबोर कार्यों किया गोलमाल का दावा

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
On

पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पालिका में सभासदों के बीच गुटबाजी के चलते छिड़ी रार बरकरार है। चौदह सभासदों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जलकल विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए गहनता से निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पर एफआईआर की मांग की है। एक गुट के 14 सभासदों ने डीएम से की गई लिखित शिकायत में कहा कि नगर पालिका के जलकल विभाग के पंप हाउसों पर लगे जनरेटरों के डीजल में गबन हो रहा है। 

जनरेटर न चलते हुए भी लगातार डीजल का खर्च निकाला जा रहा है। सत्यता जानने के लिए जनरेटरों की लॉगबुक का मिलान पावर कॉरपोरेशन की सप्लाई लॉगबुक से मिलान कराने और घोटाला  साबित होने पर दोषियों पर एफआईआर लिखकर जेल भेजने की मांग की है। ये भी कहा कि जलकल विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नाम भी गड़बड़ी है। काम करने वाले और वेतन भुगतान वाले कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए। नलों के रिबोर के नाम पर अवैध रुप से भुगतान निकालने का आरोप भी लगाया। 

लिपिक पर अवैध रुप से बिल सत्यापन का आरोप
चौदह सभासदों ने संयुक्त रूप से की गई शिकायत जलकल विभाग के लिपिक तारिक हसन खां पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।  उनका कहना है कि अवैध  रूप से संबंधित लिपिक के द्वारा बिलों का सत्यापन किया जा रहा है, जेकि उक्त कार्य के लिए वह अधिकृत नहीं।  इसके अलावा ये भी कहा कि नगर पालिका के ईओ आवास का कुछ हिस्सा नगरपालिका के लिपिक ने भी कब्जा रखा था और उसका किराया भी जमा न करने का आरोप लगाया। उधर, लिपिक तारिक हसन खां का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उनके स्तर पर से बिल सत्यापन ही नहीं किया जाता है। बिल का सत्यापन जल निगम के अधिकारी के द्वारा किया जाता है। पालिका स्तर पर जेई के द्वारा होता है। भवन पर कब्जा करने आरोप गलत है। वर्ष 2021 में नौकरी मिलते ही भवन को हैंड ओवर कर दिया गया था।  

संबंधित समाचार