यूपीकॉन : राज्यपाल संतोष गंगवार बोले...आईएमए मरीजों के इलाज के प्रति कर्मठता का प्रतीक
बरेली, अमृत विचार। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बरेली के लिए शनिवार का दिन किसी गौरव से कम नहीं रहा, मौका था वार्षिक अधिवेशन यूपीकॉन के आगाज का। आईएमए बरेली को 15 साल बाद यूपीकॉन की मेजबानी मिली है। यूपीकॉन के पहले दिन सुबह आईएमए भवन में साइंटिफिक सत्र के आयोजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान विशेषज्ञों ने बीमारियों और उनके इलाज की नई तकनीकों पर चर्चा की। शाम को डोहरा स्थित आईएमए फार्म में शाम को कॉलर सेरेमनी का आयोजन हुआ। जो कि सतरंगी रोशनी से नहाया हुआ था। झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कॉलर सेरेमनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने किया। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली प्रदेश की कई आईएमए ब्रांच को अवार्ड भी दिए। इस दौरान झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि बरेली मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर है, इसका श्रेय यहां के डॉक्टर और मेडिकल से जुड़े हर स्टाफ को जाता है। ऐसा इसलिए की चिकित्सा एक सेवा नहीं तपस्या है क्योंकि डॉक्टर सिर्फ मरीजों का उपचार नहीं करते बल्कि उन्हें नया जीवन देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार प्रगति हो रही है। इसका प्रमाण है आयुष्मान भारत योजना, शत प्रतिशत टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम। इनका लाभ आम जनमानस को बिना किसी भेदभाव को मिल रहा है। आईएमए भी इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आईएमए केवल मात्र संगठन नहीं है, बल्कि ऊर्जा-नैतिकता और मरीजों के इलाज के प्रति कर्मठता का प्रतीक है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल व बिथरी विधायक डा. राघवेंद्र शर्मा व बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव अग्रवाल भी मौजूद रहे। देर रात तक डीजे की धुनों पर डॉक्टर थिरकते रहे।
कॉलर सेरेमनी में नई कार्यकारिणी ने संभाला पदभार
आईएमए फार्म में शाम को आयोजित कार्यक्रम में आईएमए की नई प्रदेश कार्यकारिणी ने पदभार ग्रहण किया। यूपी आईएमए के अध्यक्ष डॉ. पीके श्रीवास्तव ने इस वर्ष के अध्यक्ष डॉ. राजीव गोयल को अध्यक्ष पद का कार्यभार सौंपा। आईएमए यूपी के सरंक्षक डा. शरद अग्रवाल ने नई कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण कराई। इस दौरान आईएमए की सोबिनियर पत्रिका का भी विमोचन हुआ। इस दौरान आईएमए यूपी के प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉ. रवीश अग्रवाल ने बताया कि आईएमए भवन में सुबह साइंटिफिक सत्रों के आयोजन के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इससे पहले सत्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से आए वरिष्ठ कॉर्डियोलाजिस्ट डॉ. कार्तिक भार्गव और डॉ. अमित मिस्त्री ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में डॉ. आईएस तोमर, डॉ सुदीप सरन, डॉ विमल भारद्वाज, डॉ. रवि मेहरा, डॉ राजीव गोयल, डॉ अनूप आर्य, डॉ विनोद पागरानी, आईएमए अध्यक्ष डॉ. अतुल श्रीवास्तव, सचिव डॉ. अंशु अग्रवाल, डॉ. आरके सिंह, डॉ. पुनीत सोंधी, डॉ रजत अग्रवाल, डॉ. रितु राजीव, डॉ. शालिनी माहेश्वरी, डॉ. गौरव गर्ग, डॉ. राशि अग्रवाल, डॉ. मधु गुप्ता, शाहिदा अली, डॉ. हिमांशु अग्रवाल, डिप्टी सीएमओ डा. लईक अहमद अंसारी, डा. राजेश अग्रवाल, डॉ. अजय भारती, डॉ. रतन पाल गंगवार, डॉ. शिवम कामठान, डॉ. सुजोए मुखर्जी व डॉ. अनीता अजय की मुख्य भूमिका रही।
विशेषज्ञों ने इलाज की आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की
आईएमए बरेली की मेजबानी में यूपीकॉन की दो दिवसीय कांफ्रेंस का आगाज शनिवार सुबह आईएमए भवन स्थित सभागार में साइंटिफिक सत्र के आयोजन से हुआ। सत्र का उद्घाटन आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने किया। कान्फ्रेंस में पहले दिन भी बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हुए। पद्म श्री डॉ. प्रवीण चंद्रा ने वर्चुअल माध्यम से एंजियोप्लास्टी की एडवांस तकनीक पर अनुभव साझा किए। इसके साथ ही वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. विनय गोयल ने स्ट्रोक के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक आने का मुख्य कारण है स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित रहना। इसके लक्षण होने पर फौरन कुशल चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है। समय पर जांच और इलाज होने से स्ट्रोक मौत का कारण नहीं बनता है।
बरेली आईएमए को बेस्ट ब्रांच अवार्ड समेत कई पुरस्कार
कांफ्रेंस के दौरान आईएमए बरेली ब्रांच का जलवा बिखरा। वर्ष 2024–25 में डॉ. आरके सिंह के नेतृत्व में उपलब्धियां प्राप्त कीं। बरेली ब्रांच को बेस्ट ब्रांच ऑफ यूपी और डॉ. आरके सिंह को बेस्ट प्रेसिडेंट ऑफ लोकल ब्रांच इन यूपी के साथ ही बरेली को प्रदेश में सबसे अधिक सदस्य वृद्धि पुरस्कार भी दिया गया। इतना ही नहीं आईएमए के वरिष्ठ सदस्य डॉ. सुदीप सरन को साइंटिफिक गतिविधियों के लिए और डॉ. लईक अहमद अंसारी को समुदाय सेवा में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
कोविड वैक्सीन से कार्डियक अरेस्ट का खतरा नहीं
गुरुग्राम के मेदांता द मेडिसिटी अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कार्तिकेय भार्गव ने बताया कि भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत के लिए बिल्कुल भी फिक्रमंद नहीं हैं, जिससे गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके साथ ही अनियमित दिनचर्या और नशे का सेवन हृदय रोगी बना रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। इसका सीधा कनेक्शन हृदय रोग से है। उन्होंने बताया कि कोविड के बाद से कॉर्डियक अरेस्ट के मामलों में वृद्धि जरूर हुई है। इससे लोगों के मन में ये भय बन रहा है कि कोविड वैक्सीनेशन कराने के बाद से ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं, लेकिन ये गलत है। वैक्सीनेशन का कार्डियक अरेस्ट में कोई रोल नहीं है। कई स्टडी में ये बात पुष्ट भी हुई है। बताया कि पल्मोनरी आर्टरी डिसीज का आरंभ जन्म के बाद से ही हो जाता है, इसलिए बच्चों को इससे बचाने के लिए उन्हें अधिक मात्रा में घी या तला, भुना खाना नहीं देना चाहिए जो वजन बढ़ा सकता है। यह भविष्य में हृदय संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ाता है।
40 की उम्र के बाद हर साल कराएं हृदय की जांच
यूपीकॉन में बतौर फैक्ल्टी शामिल हुए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित मिस्त्री ने बताया कि बच्चे में अगर जन्मजात हृदय रोग की समस्या है तो उसके लक्षण को पहचानें। बताया कि अगर बच्चे के होंठ नीले पड़ें, दूध पीते समय पसीना आए, सीने में दर्द रहता हो व चलने-फिरने में समस्या हो तो फौरन कुशल चिकित्सक की सलाह लें। वहीं कुछ ऐसी हृदय की बीमारियों भी हैं जिनका 30 साल के बाद तक पता नहीं लगता है, इसलिए हर व्यक्ति को 40 साल की उम्र के बाद रुटीन जांचों की तरह ईको और ईसीजी की जांच अवश्य करानी चाहिए।
