Allahabad High Court: आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को मुरादाबाद न्यायालय द्वारा सुनाई गई 2 वर्ष की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब्दुल्ला आजम ने सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

अब्दुल्ला आजम की याचिका पर न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की एकल पीठ ने सुनवाई की। याचिका में सत्र न्यायालय, मुरादाबाद के 28 फरवरी 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी। याची का कहना था कि 2 जनवरी 2008 की जिस घटना को लेकर उसे सजा सुनाई गई है, उस समय वह नाबालिग था। इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने उसे बालिग मानते हुए मुकदमा चलाया, इसलिए ट्रायल कोर्ट द्वारा की गई संपूर्ण कार्रवाई दूषित है, जिसे रद्द किया जाए और उसे सुनाई गई सजा पर रोक लगाई जाए।

इसका विरोध करते हुए प्रदेश सरकार के अधिवक्ता का कहना था कि अब्दुल्ला आजम ने पूरे ट्रायल के दौरान कभी भी खुद को नाबालिग घोषित करने की मांग नहीं की। यहां तक की सजा सुनाए जाने के समय भी उसने अपने नाबालिग होने की बात अदालत के सामने नहीं रखी। सरकारी अधिवक्ता का यह भी कहना था कि अब्दुल्ला अपराधिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति है तथा उसके विरुद्ध 46 मुकदमे लंबित है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद कहा कि ट्रायल के दौरान अब्दुल्ला आजम ने कभी भी खुद को नाबालिग घोषित करने का प्रयास नहीं किया, इसलिए ट्रायल कोर्ट ने उसे बालिग मानते हुए मुकदमे की कार्रवाई पूरी की। कोर्ट ने कहा कि याची के तर्क तब तक स्वीकार नहीं की जा सकती हैं, जब तक कि उसे नाबालिग घोषित न कर दिया जाए। कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के वकीलों की इस दलील को भी नहीं माना कि उसके विरुद्ध चुनाव याचिका में उसे नाबालिग मानते हुए उसका चुनाव रद्द किया गया था, इसलिए इस मामले में भी उसे नाबालिग माना जाए।

कोर्ट का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि चुनाव याचिका और अपराधिक मुकदमे की कार्रवाई अलग-अलग है। चुनाव याचिका के तथ्यों का अपराधिक मामले से कोई लेना देना नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि कोर्ट ने गत 11 अप्रैल को सभी तथ्यों पर विचार करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था।

यह भी पढ़ें:-Kanpur News: पांच ने तोड़ दिया जिंदगी से नाता, पुलिस और फोरेंसिक टीम ने की जांच पड़ताल

संबंधित समाचार