बरेली: डेलापीर तिराहे पर मलबा उठाने पहुंची टीम, महिलाओं ने किया विरोध

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Published By Vikas Babu
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दो दिन का समय देकर पहले दिन पहुंची टीम, अफसर बोले कोई पत्र नहीं दिया

बरेली, अमृत विचार। डेलापीर तिराहा पर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे हटाने के दूसरे दिन नगर निगम की टीम शुक्रवार को फिर बुलडोजर लेकर पहुंच गई। इस पर वहां मौजूद महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। इसकी वजह टीम मलबा नहीं हटा पाई, हालांकि इसके बाद शाम तक काफी क्षेत्र खाली गया।

गुरुवार को नगर निगम ने डेलापीर तिराहे के पास तालाब की जमीन पर बनी दुकानों को ध्वस्त कर दिया था। अफसरों ने दो दिन में सामान शिफ्ट करने के साथ सुबह मलबा ले जाने की बात कही थी। निगम की टीम शुक्रवार को दोपहर डेलापीर चौराहे पर मलबा उठाने पहुंची लेकिन अवैध कब्जेदारों ने समझा कि बुलडोजर लेकर टीम मकान ध्वस्त करने आई है। इस बात को लेकर घर में मौजूद महिलाएं बाहर निकल आईं और अफसरों को बुरा भला कहने लगीं। 

पुरुष भी अफसरों के सामने आए और उन्हें वह पत्र दिखाने लगे जिसमें उन्होंने सामान हटाने का दो दिन का समय दिया था। अतिक्रमण प्रभारी ललतेश सक्सेना कहते रहे कि वह मलबा उठाने आए हैं लेकिन महिलाओं का टीम का आना सही नहीं लगा और उन्होंने बुलडोजर को आगे नहीं बढ़ने दिया। दोपहर तक बुलडोजर सड़क पर ही खड़ा रहा और इस बीच घर का फर्नीचर और सामान लदकर जाता रहा। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह का कहना था कि उन्होंने या निगम की तरफ से कोई ऐसा पत्र नहीं दिया गया जिसमें उन्हें दो दिन का समय दिया गया हो।

निगम ने मलबे में लोहा-लकड़ी छोड़ी, कब्जेदार ने बेच डाली
गुरुवार को निगम ने मलबा मौके पर ही छोड़ दिया था। इस मलबे में लोहा और लकड़ी का काफी सामान था। अवैध कब्जेदारों ने शुक्रवार सुबह लोहे और लकड़ी के सामान को 35 रुपये क्विंटल के हिसाब से कबाड़ में बेच दिया। यही सामान लेने निगम की टीम दोपहर में आई तो यहां विवाद होने लगा। प्रेमनगर पुलिस को भी सूचना देकर बुलवा लिया गया। प्रवर्तन दल के लोग पहले से ही मौजूद थे।

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