बरेली: आओ मनाएं इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे...लेकिन हकीकत भी जान लो, झकझोर देगी

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
On

बरेली, अमृत विचार। 11 अक्टूबर...यानी इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे। लो फिर गया बच्चियों के उत्थान और उनके अधिकारों के बारे में सिर्फ बात करने का एक और दिन। आज हम तमाम कार्यक्रम आयोजित कर उनमें बात करेंगे, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं की और फिर अपने-अपने घर को चले जाएंगे। 

लेकिन क्या इससे उन बच्चियों का भला हो सकेगा, जो आज भी परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं। पढ़ाई तो दूर की बात है, उन्हें भर पेट खाना तक नसीब नहीं है। तो ऐसे कार्यक्रमों का क्या फायदा। शहर में तमाम एनजीओ हैं, जो गरीब और बेसहारा बच्चियों के लिए काम करने का दम भरते हैं।

 शासन-प्रशासन भी सरकारी योजनाओं के माध्यम से हर बच्ची को शिक्षित बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश का दावा कर रहा है। लेकिन जो हकीकत है, उससे आंखें चुराई जा रही है। या फिर ये कहें कि हकीकत से कोई वास्ता ही नहीं रखना चाहते।

जब इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे से एक दिन पहले अमृत विचार की टीम शहर में निकली तो मॉल के बाहर, पार्कों और सड़कों पर ऐसी कई छोटी-छोटी बच्चियां नजर आईं, जो फटे कपड़ों और नंगे पैर लोगों के सामने हाथ फैलाकर भीख मांग रही थीं। तो कहीं गोद में मात्र एक साल की बच्ची हाथ में भीख मांगने के लिए कटोरा पकड़े हुए थी। 

WhatsApp Image 2023-10-11 at 4.39.32 PM

ये तस्वीरें झकझोर देने के लिए काफी थीं। लेकिन शायद एसी गाड़ियों में बैठकर रोजाना गुजरने वाले अधिकारियों और समाजसेवा का दम भरने वाले एनजीओ को ये नजर नहीं आता। लेकिन हकीकत आपके सामने है। हमारी टीम जहां से गुजरी, वहां ऐसी बच्चियां नजर आ ही जा रही थीं। तो ऐसे में अंदाजा साफ लगाया जा सकता सड़क पर भीख मांगती बच्चियों के उत्थान के लिए कितनी सजगता के साथ काम किया जा रहा है। 

वहीं रामपुर गार्डन स्थित अग्रसेन पार्क के पास भीख मांग रही करीब 8 साल की बच्ची से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह बच्ची तीसरी कक्षा में पढ़ती है और उसके पिता की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से घर चलाने के लिए उसकी मां लोगों के घरों में काम करके कुछ पैसे कमा लेती है। लेकिन फिर भी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती हैं। 

इसलिए मजबूर मां ने स्कूल से आने के बाद अपनी मासूम बच्ची से खुद भीख मांगने के लिए कहा है, ताकि घर में कुछ पैसे और आ सकें। तो ऐसे में अंदाजा साफ लगाया जा सकता सड़क पर भीख मांगती बच्चियों के उत्थान के लिए कितनी सजगता के साथ काम किया जा रहा है। 
 
अगर ऐसे बच्चे किसी को नजर आएं तो चाइल्ड केयर नंबर पर कॉल करके सूचना दें, तुरंत रेस्क्यू किया जाएगा। -मोनिका राणा, जिला प्रोबेशन अधिकारी

ये भी पढे़ं- बरेली: बिहार राज्य में जातिगत जनगणना में भारी घोटाले को लेकर भारत जोड़ो पार्टी ने किया विरोध 

 

संबंधित समाचार