लखनऊ: नादरगंज में सरकारी जमीन पर दिनदहाड़े कब्जा, मंडलायुक्त के निर्देश पर भी नहीं की अधिकारियों ने कार्रवाई
लखनऊ, अमृत विचार। सरोजनीनगर क्षेत्र के नादरगंज में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर दबंगों ने कुछ वकीलों का साथ लेकर कब्जा कर लिया। स्थानीय लोगों ने शिकायत की तो अधिकारी दूसरे विभाग की जमीन बताकर पल्ला झाड़ते रहे। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने मामले की जांच के निर्देश दिए पर लंबी अवधि बीतने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बद्री नगर इंडस्ट्रियल एरिया नादरगंज में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर पिछले माह दबंगों ने दिनदहाड़े अवैध निर्माण कर कब्जा कर लिया। करीब 40 से 50 लोगों की मौजूदगी में दबंग जेसीबी से सीमेंटेड पिलर लाए और अस्थायी चादरों से दीवार बना ली। निर्माण कार्य के दौरान कुछ वकील भी शामिल रहे। आसपास के लोगों ने विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया।
इसकी सूचना देने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। जिला व तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने भी शिकायत पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी और जांच का आश्वासन देते रहे। इस लापरवाही का फायदा दबंगों ने उठाया। जबकि इससे पहले शिकायत पर पुलिस तीन बार निर्माण कार्य रुकवा चुकी थी।
उस दौरान नगर निगम के लेखपाल ने स्थल की जांच की। जिसमें संबंधित जमीन राजस्व अभिलेखों के अनुसार खसरा संख्या- 3416 ग्राम अमौसी, सरोजनीनगर में लघु उद्योग निगम (यूपीएसआईसी) की दर्ज होने की रिपोर्ट दी। जमीन के पास ही यूपीएसआईसी का क्षेत्रीय कार्यालय भी है। जहां पर अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन जिम्मेदार सामने नहीं आए।
इसके बाद लोगों ने मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब से शिकायत की तो उन्होंने उप्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के क्षेत्रीय प्रबंधक व उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर को संयुक्त जांच के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों ने विभागीय भूमि न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इधर, बुधवार को मंडलायुक्त को दोबारा अवगत कराया गया तो उन्होंने तहसील से अभिलेख मंगाकर जांच कराने की बात कही है।
कब्जेदार के पास नहीं हैं स्वामित्व संबंधी अभिलेख
जांच के दौरान सरकारी भूमि पर अपना अधिकार जमाए कब्जेदार स्वामित्व संबंधित अभिलेख नहीं दे पाते हैं। एसडीएम सरोजनीनगर ने भी लेखपाल से जांच कराई थी। इसमें संबंधित जमीन यूपीएसआईसी की होने की रिपोर्ट दी गई थी। उस दौरान भी कब्जेदार स्वामित्व संबंधित अभिलेख नहीं दे पाए थे। बताया यह भी गया कि यह लोग गिरोह बनाकर इसी तरह खाली भूमि पर कब्जा करते हैं।
यूपीसीडा की भूमि होने की संभावना, होगी जांच : क्षेत्रीय प्रबंधक
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक अजय दीप सिंह ने भूमि अपने विभाग की होने की संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि संबंधित भूमि का कुछ हिस्सा ग्रीन बेल्ट में भी दर्ज है। जिसकी जांच कराने के लिए वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल) निर्माण खंड-7 को पत्र लिखा है। अभिलेख भी मांगे हैं। अधिशासी अभियंता स्तर से जांच की जाएगी।
एक तरफ कार्रवाई तो दूसरी ओर कब्जे का खेल
एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई कर सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है तो वहीं, दूसरी ओर राजधानी में ही खुलेआम दबंगों द्वारा जमीन कब्जा की जा रही है। बता दें कि जिला प्रशासन ने अब तक एंटी भू-माफिया अभियान के तहत तालाब, चरागाह, ऊसर, बंजर आदि कुल 47.596 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई है। जिसकी कीमत 157 करोड़ रुपये है, लेकिन नादरगंज में सरकारी भूमि पर कब्जा संबंधी शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रबंध निदेशक यूपीएसआईसी को भूमि पर कब्जा लेने संबंधी निर्देश दिए हैं। यदि किसी ने कब्जा कर लिया है तो प्रशासन के सहयोग से हटवाएंगे और कार्रवाई करेंगे..., राकेश सचान, मंत्री लघु उद्योग।
इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है और न ही कोई शिकायत आई है। फिर भी क्षेत्रीय प्रबंधक से जानकारी कर रिपोर्ट मांगेंगे। जांच के दौरान जो सहयोग होगा, वह करेंगे...,राजेश कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआईसी।
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