कासगंज: 'महामहिम हमारे मकान का जबरन अधिग्रहण करना चाह रहा प्रशासन', ग्रामीणों ने लगाई CM से गुहार
अधिग्रहण से हो जाएंगे बर्बाद, इसलिए हमें दे दो इच्छा मृत्यु की अनुमति
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कासगंज, अमृत विचार। महामहिम हम गरीब तबके के लोग हैं। पशुधन, आभूषण बेचकर और कर्ज लेकर किसी तरह हमने अपने आशियाने बसा लिए। पांच साल पहले प्रशासन द्वारा हमारी भूमि को आवासीय भूमि घोषित किया गया। उसके बाद हमने मकान बनाए, लेकिन अब नेशनल हाईवे के लिए यह मकान तोड़ने की तैयारी की जा रही है।
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अकृषक भूमि को कृषक दर्शाकर कृषि भूमि की दर पर मुआवजा देने की तैयारी है। ऐसे में बर्बाद हो जाएंगे इसलिए हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दो। यह दर्द पत्र के माध्यम से सुनाया है गांव ज्याउद्दीनपुर के ग्रामीणों ने। जिन्होंने राष्ट्रपति के साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु मांगी है और कासगंज प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया है।
भेजे गए प्रार्थना पत्र में ग्रामीणों ने कहा है कि गांव ज्याउद्दीनपुर में लगभग छह गाटा संख्याओं में ग्रामीणों के आवासीय भूखंड है। पांच साल पहले ही कृषि भूमि को आवासीय भूमि घोषित किया गया था। प्रशासन ने ही यह कार्रवाई की थी, लेकिन अब नेशनल हाईवे के लिए आवास तोड़ने का नोटिस दे दिया गया हैं। जब अपना पक्ष लेकर जिला प्रशासन के समक्ष पहुंचे तो प्रशासन ने एक न सुनी और अभी तक कोई निस्तारण नहीं किया है।
मकान का अध्ययन करने की आवाज सिर्फ अकृषक भूमि का मुआवजा देने की बात कही जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो ग्रामीण बर्बाद हो जाएंगे और वह आर्थिक समस्या के चलते आत्महत्या कर लेंगे। ऐसी स्थिति में या तो ग्रामीणों की समस्या का समाधान कर दिया जाए या फिर ग्रामीणों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दी जाए, क्योंकि ग्रामीण कई बार मांग कर चुके हैं और कोई भी अधिकारी कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं है।
हमारी आपत्ति का भी कोई निस्तारण नहीं हो रहा है। प्रशासन की यह मनमानी समस्या का कारण बन गई है। इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगने वालों में अनीता, सुनीता, नीलम, पर्वती, मुन्नी, साक्षी, बृजेश, गंगादयाल सहित तमाम ग्रामीण प्रमुख हैं।
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