बाराबंकी: बेटी की डोली उठने से पहले उठी पिता की अर्थी
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रामनगर/बाराबंकी,अमृत विचार। शादी की सारी तैय्यारियां हो चुकी थी। रिश्तेदारों में उल्लास का महौल था। महिलाएं पांच दिन पहले से ही ढोल बजा कर शादी के गाने गाने में मशगूल थी। बारातियों के स्वागत के लिए द्वार सजाये जा रहे थे। इसी बीच किसी ने आकर बताया कि बेटी के पिता अनिल अब इस दुनिया में नहीं रहे।
कुएं में डूब कर उनकी मौत हो गई। एक ही क्षण में शादी की खुशी और जश्न में डूबे परिवार में सहसा सिसकियां सुनाई देने लगी। पूरा महौल ही बदल गया लोग एक दूसरे को सिर्फ ढांढस बंधा रहे थे। जिन हाथों में शादी की मेहंदी लगी थी वो हाथ बार बार अपने आंसू पोछ रहे थे ।इस दृश्य को देखकर ऐसा कौन नहीं रहा जिसकी आंखें न भर आई हो। बेटी की सिसकियां देख लोगों की रूह कांप गई।
इधर बाप का पोस्टमार्टम उधर हुई बेटी की शादी
बेटी की शादी से पहले पिता की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया। शनिवार को बेटी की बारात आने वाली थी और शुक्रवार की रात बाप की मौत से पूरा महौल गमगीन हो गया। इधर बाप का पोस्टमार्टम हो रहा था और उधर बेटी की शादी की तैयारी। बारात तो आई लेकिन थोड़ी सी औपचारिकता के बीच बेटी की शादी कर उसे ससुराल बिदा कर दिया गया। बेटी की माँ को दोहरे दर्द से गुजरना पड़ा पति की मौत और मौत के बाद बेटी की बिदाई। बेटी की माँ सिसक सिसक कर बस यही कह रही थी विधाता तूने ये क्या कर दिया।
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