पीलीभीत: प्रतिकर से बचने को बनाई फर्जी बीमा पॉलिसी, कोर्ट में कर दी दाखिल...इंश्योरेंस कंपनी के सत्यापन में खुली पोल

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत, अमृत विचार। सड़क हादसे में युवक की मौत के मामले में कार स्वामी ने चेन्नई की एक इंश्योरेंस कंपनी के नाम से फर्जी बीमा पॉलिसी बनाकर न्यायालय में दाखिल कर दी। सत्यापन के दौरान पॉलिसी फर्जी निकलने पर कार स्वामी ने मृतक के वारिसों से समझौता कर लिया।  पुलिस ने इस मामले में पहले कार्रवाई नहीं की। अब कोर्ट के आदेश पर कंपनी के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की ओर से एक नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 

रायल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी चेन्नई के इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर दीपक शर्मा ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह करनाल (हरियाणा) के गढ़ी मुल्तान के रहने वाला राज सिंह फोर्ट इन्डेवर गाड़ी का पंजीकृत स्वामी है। इस कार से 10 जुलाई 2016 को दुघर्टना हो गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत जबकि एक अन्य घायल हुआ था। मृतक के वारिस की आरे से पीलीभीत न्यायालय में एक प्रतिकर याचिका एमएसीटी न्यायालय में प्रस्तुत की गई। जिसमें राज सिंह को तलब किया गया। तब राज सिंह ने प्रतिकर धनराशि से बचने के लिए धोखाधड़ी व छल पूर्वक पीड़ित की कंपनी के नाम स एक फर्जी बीमा पॉलिसी का प्रपत्र तैयार करके एमएसीटी न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसमें पीड़ित की कंपी के अधिवक्ता की ओर से उक्त बीमा पॉलिसी की छायाप्रति को सत्यापन के लिए कंपनी में भेजा गया। 

इस पर कंपनी की ओर से जानकारी दी गई कि बीमा पॉलिसी फर्जी है। राज सिंह की ओर से नाजायज लाभ पाने के उद्देश्य से कूटरचित तरीके से तैयार करके प्रस्तुत किया गया है। यह तथ्य बीमा कंपनी के अधिवक्ता की ओर से न्यायालय में भी प्रस्तुत किया गया। तब राज सिंह की ओर से फर्जीबाड़े को छिपाने के लिए स्वयं ही मृतक के वारिसों से समझौता कर लिया गया। इस तरह से राज सिंह व कुछ अन्य लोगों ने कंपनी के नाम से फर्जी बीमा पॉलिसी तैयार कर उनका असली रूप में प्रयोग करने की कोशसिश की। 10 मार्च 2023 को पुलिस से शिकायत की गई। 

उसकी प्रतियां एसपी पीलीभीत और आरटीओ करनाल व अभियुक्त को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।  कंपनी के अधिकारियों ने 31 मार्च 2023 को दोबारा प्रार्थना पत्र एसपी को दिया लेकिन उस पर भी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।  जिसके बाद कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने आरोपी राज सिंह व कुछ अन्य अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित अभिलेख तैयार करके असली के रूप में इस्तेमाल करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।

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