Kanpur: बस अड्डे पर चार मौतों के बाद भी नहीं जागा रोडवेज...चिलचिलाती धूप में खड़ी बसों पर बैठने को मजबूर सवारियां

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Published By Nitesh Mishra
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43 से 45 डिग्री तक पारा, गर्म बेंच पर लू के थपेड़े झेलते यात्री

कानपुर, अमृत विचार। शहीद मेजर सलमान खान अंर्तराज्यीय झकरकटी बस अड्डे पर बीते बीस दिनों में चार यात्रियों की हीटस्ट्रोक से मौत हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी परिवहन अधिकारियों के कान में जूं नहीं रेग रही है। चिलचिलाती धूप में बसें खड़ी रहती हैं और बस के अंदर बैठे, बच्चे, बूढ़े, महिलाओं का गर्मी से बुरा हाल रहता है।

बस अड्डे पर एआरएम आफिस के बाहर टिन शेड में यात्री गर्म बेंच पर लू के थपेड़े सहते हुए बैठे रहते हैं। धूप जब तेज होती है तो बेंच तक पहुंच जाती है। झकरकटी बस अड्डे के अंदर दाखिल होते ही वहां की अव्यवस्था दिखाई देने लगती है। गेट पर ही बसों की अराजकता होती है और पूरा बस अड्डा बिना किसी शेड का है इसलिए रेगिस्तान लगता है।

बस अड्डे पर कोई प्लेटफार्म तक नहीं है। चिलचिलाती धूप में दर्जनों जिलों की बसें खड़ी रहती है। इन बसों में घंटों यात्री धूप में परेशान रहते हैं। कैंटीन के बगल में धूप में पानी की टंकी का पानी अगर कोई पी ले तो उसके मुंह में छाले पड़ जाएंगे। बस अड्डे पर जगह नहीं होने के कारण ट्रांसपोर्ट नगर, अफीम कोठी की ओर खड़ी रहती हैं। 

बस अड्डे का पीपीपी मॉडल के तहत विस्तार होना है, यही कारण है कि टिन शेड, प्लेटफार्मों का सिस्टम नहीं बन पा रहा है। कई जिलों की बसों के प्लेटफार्म निधार्रित हैं। बस अड्डे पर कोई कमी नहीं है, ठंडा पानी है, यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था है।- महेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, झकरकटी बस अड्डा

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