ग्राम पंचायत ऐप से ग्रामीणों को मिलेगी विकास योजनाओं की सटीक जानकारी, किसी भी भाषा के सवाल का देगा जवाब  

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। गांवों का सर्वांगीण विकास मौजूदा दौर में बड़ी चुनौती है। गांवों में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने और उनका ढांचागत विकास करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर सरकार जोर दे रही है। शासन इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान से भी मदद ले रहा है। संस्थान द्वारा गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए ग्राम पंचायत ऐप का उपयोग किया जाएगा। इस ऐप के माध्यम से ग्रामीणों को गांव में हो रहे विकास और आने वाली योजनाओं की पूरी जानकारी मिल सकेगी। 

खास बात यह है कि सरकारी योजनाएं बनने और क्रियान्वयन तक जटिल प्रक्रियाओं से गुजरती हैं। इस दौरान सर्वे और चिन्हांकन की प्रक्रिया में लंबा वक्त लग जाता है। इस एप की मदद से इन कार्यों का निपटान शीघ्रता से हो सकेगा। इससे इस बात का निर्धारण हो सकेगा कि ग्राम पंचायत में स्कूल, शौचालय, खेल के मैदान और खड़ंजा कहां बिछना है। इसकी एक खूबी यह भी है कि यह ऐप भाषा की बाधाओं से मुक्त होगा। जिस भाषा में प्रश्न करेंगे, उसी भाषा में आपको जवाब मिलेगा। इसकी मदद से ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को गांवों में  लागू करने में कामयाबी हासिल की है। कई गाँव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं, जिसके बाद इन्हें ओडीएफ प्लस का दर्जा मिल गया है। 

जिला पंचायती राज अधिकारी रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि गांवों को स्मार्ट बनाने की स्मार्ट विलेज योजना के अंतर्गत जनपद की सभी ग्राम पंचायतों के लिए ऐप की शुरुआत की जा रही है। जिसके माध्यम से लोगों को बुनियादी सुविधाओं के विकास की जानकारी प्राप्त होगी। उनका कहना है कि सरकार इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही है, इसकी निगरानी डीपीआरओ करेंगे।

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