पीलीभीत: जिले में बनेंगे प्लेज पार्क, 50 एकड़ तक निजी भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र कर सकेंगे विकसित
पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद में अब प्लेज पार्कों की स्थापना की जाएगी। इसके तहत जनपद में 10 से 50 एकड़ निजी जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए एक या एक से अधिक व्यक्ति समूह बनाकर जमीन दे सकेंगे। इतना ही नहीं सरकार की ओर से प्रति एकड़ पर पार्क, सड़क, बाउंड्री आदि निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन छह साल के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा।
उपायुक्त उद्योग संजय कुमार ने बताया कि एमएसएमई इकाईयों के द्वारा कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार का सृजन किया जाता है। जिन्हें और अधिक बढ़ाया जाना प्रदेश के हित में है। उद्योगों की स्थापना के लिए प्राथमिक आवश्यकता भूमि है। ऐसे में औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित कराने के लिए निजी औद्योगिक पार्को के विकास की योजना प्लेज (प्रमोटिंग लीडरशिप एंड इंटरप्राइज फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन) लागू की गई है। जिसे निजी प्रवर्तक के द्वारा संचालित किया जा सकेगा। इस योजना के तहत जिले में 10 से 50 एकड़ को निजी जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए इच्छुक एक व्यक्ति या इससे अधिक व्यक्ति समूह बनाकर जमीन दे सकेंगे। प्रति एकड़ पर शासन की ओर से बाउंड्री, पार्क, सड़क और निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का लोन 06 साल के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत निजी प्रवर्तकों द्वारा विकसित किये गये औद्योगिक पाकों में न्यूनतम प्रति एकड़ 01 इकाई को भूमि आवंटित किया जाना अनिवार्य होगा। साथ ही कुल विकसित औद्योगिक प्रयोजन की भूमि से 75 प्रतिशत भूखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयो के लिए आरक्षित रखा जायेगा। यदि 10 एकड़ क्षेत्रफल का औद्योगिक पार्क बनाया जाता है, तो उसमें न्यूनतम 10 औद्योगिक इकाईयों होगीं। इसी प्रकार 25 एकड़ पर बने पार्क में न्यूनतम 25 इकाईयां होंगी।
निजी प्रवर्तक के हाथ होगी बागडोर
निजी प्रवर्तक द्वारा औद्योगिक पार्क के लिए प्रस्तावित की जा रही भूमि को राज्य सरकार के पक्ष में बंधक रखा जायेगा। इस योजनान्तर्गत विकसित किए जा रहे निजी औद्योगिक पार्को के भूखंडों के आवंटन, संचालन तथा रख-रखाव का पूरा दयित्व निजी प्रवर्तक का होगा। उपायुक्त उद्योग ने बताया कि जमीन पर इकाई स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने, पूंजी निवेश को आकर्षित करने एवं अधिक से अधिक रोजगार सृजन किये जाने के लिए प्रशासन की ओर से व्यापक रूप से अथक प्रयास किये जा रहे है।
