शाहजहांपुर: बच्चे को नदी में डुबोकर मार डाला था, दो दोषियों को उम्रकैद की सजा
दोनों पर एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से भी किया गया दंडित
शाहजहांपुर, अमृत विचार। सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के गांव भरगवां में वर्ष 2019 में हुई छह वर्षीय बालक की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
थाना सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के गांव भरगवां निवासी हरिओम गुप्ता का छह वर्षीय पुत्र मयंक गुप्ता 22 जनवरी 2019 की सुबह 10:30 बजे पड़ोसी सोमवती के घर से दूध लेकर आया और दूध घर में रखकर घर से बाहर निकल गया। दोपहर तक जब वह वापस नहीं आया, तब उसकी तलाश शुरू की गई लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला। परिवार वाले जब उसकी तलाश करते हुए हार गए और उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई, तब फिर लापता मयंक के चाचा अनुज कुमार ने सेहरामऊ दक्षिणी पुलिस को 23 जनवरी को तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कर ली। अगले दिन मकान के पास से निकली गर्रा नदी से मयंक का शव बरामद किया गया। शव देखकर लग रहा था कि उसे बुरी तरह से मारा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बच्चे को नदी में डुबाकर मारने की बात सामने आई थी। हत्या का मामला सामने आने पर पुलिस ने विवेचना के दौरान प्रकाश में गांव के ही मजनू उर्फ मदनपाल और रामनिवास के खिलाफ धारा 302, 34, 364ए, 201 के अपराध में आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम की कोर्ट में मुकदमा चलने के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद पत्रावली का अवलोकन कर धारा 302 में दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने मजनू उर्फ मदनपाल और रामनिवास को आजीवन कारावास की सजा और एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
एक फोन कॉल से पकड़ में आए अभियुक्त
शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि बालक मयंक की हत्या के मामले शक के दायरे में आए भरगवां निवासी रामनिवास ने मयंक के पिता हरिओम गुप्ता को कॉल करके बताया कि तुम्हारे बेटे को मार दिया है और तुम्हे भी मार देंगे, तुम पुलिस में मेरे खिलाफ अनावश्यक शिकायत करते हो। इसी कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने पड़ताल की, तो जिस मोबाइल नंबर से कॉल की गई थी, वह रामनिवास के भाई के नाम निकला। पुलिस ने रामनिवास के भाई जब पूछताछ की, तो उसने रामनिवास का नाम बताया। इसके बाद मजनू उर्फ मदनपाल का नाम प्रकाश में आ गया।
शव के सिर के बाल और नाखून गायब मिले थे
परिजनों के मुताबिक मयंक के शव के सिर के कुछ हिस्से से बाल और एक हाथ के दो नाखून गायब थे। माथे पर भी चोट का निशान था, जिसमें से मांस भी गायब था।
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