कासगंज: कब करनी है मक्का की बुवाई? इस बात का रखें ख्याल, नहीं तो फसल होगी खराब
जानकारो ने 15 फरवरी से 20 मार्च तक बताया बुवाई का ठीक समय
कासगंज, अमृत विचार। 15 दिन से पड़ रही तेज गर्मी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। गर्मी का सर्वाधिक खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पहले गर्मी ने किसान का आलू खराब किया, अब तेज गर्मी मक्का फसल के लिए मुसीबत बन चुकी है। अधिक तापमान होने से मक्का की फसल का नुकसान हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों ने 15 फरवरी से 20 मार्च तक मक्का की ठीक से बुवाई करने की सलाह किसानों को दी है।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि संकर मक्का की बुवाई 20 फरवरी से 15 मार्च के बीच करें। मक्के की फसल में पोषक तत्व प्रबन्धन एवं जल प्रबन्धन पर विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि मक्के की फसल पानी व तापमान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यदि खेत असमतल है, तो मक्के की बुवाई से पूर्व खेत को समतल कर लें, जिससे मक्के की सिंचाई के समय खेत में पानी खड़ा न होने पाये और खेत में एक समान पानी लगे। मक्के के खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद, कम्पोस्ट का भी अधिक से अधिक प्रयोग करें, जिससे खेत की भौतिक, रसायनिक और जैविक दशा में सुधार हो सके। खेत में अधिक समय तक नमी भी बनी रहे। मक्के की फसल में संस्तुति के अनुसार रसायनिक उर्वरकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें व यूरिया उर्वरक का किसी भी दशा में अधिक प्रयोग न करें, अन्यथा पौधों का वृद्धि व विकास असंतुलित रूप से होगा और खेत के सूक्ष्म वातावरण के तापमान में भी वृद्धि होगी। यह भी आवश्यक है कि फसल में कीट-रोग का भी सही समय पर उचित प्रबन्धन किया जाये।
बीज खरीदते समय इन चीजों का रखे ध्यान
जिला कृषि अधिकारी डॉ. अवधेश मिश्र ने किसानो से अपील करते हुए कहाकि कि संकर मक्का की प्रजातियों के चयन एवं क्रय करते समय विक्रेता से प्रजाति विशेष की ‘‘पैकेज ऑफ पैरक्टिसे एवं गुण-दोष के बारे में अनिवार्य रूप से विस्तार से जानकारी प्राप्त कर लें और बीज क्रय की रसीद अवश्य प्राप्त करें और किसी भी दशा में खुला हुआ बीज क्रय न करें। बीज बुवाई के पश्चात बीज क्रय की रसीद व बीज का पैकेट संभालकर सुरक्षित रखें।
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