रबर फैक्ट्री: 1382 एकड़ भूमि पर कब्जे के लिए यूपीसीडा की कानूनी तैयारी पूरी, कोर्ट में होगा दावा

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: करीब 26 साल से फतेहगंज पश्चिमी में बंद पड़ी रबर फैक्ट्री की करीब तेरह सौ एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए डिस्ट्रिक कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रशासन के निर्देश पर यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) का क्षेत्रीय कार्यालय वाद दर्ज कराने के लिए फाइल तैयार करा रहा है। डीजीसी (सिविल) से भी राय ली गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट में केस की पैरवी में लगे वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सलाह पर प्रशासन भूमि पर कब्जा लेने की कोशिश में जुटा है।

पिछले साल दिसंबर में शासन ने रबड़ फैक्ट्री की जमीन वापस लेने के लिए जिला प्रशासन को बॉम्बे हाईकोर्ट के साथ डीआरटी (ऋण वसूली न्यायाधिकरण) में अलग से वाद दर्ज कराने को मंजूरी दी थी। वहां वाद दर्ज कराने के लिए शासन ने बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य ठक्कर और सौभाग्य अग्रवाल को नामित किया।

दोनों अधिवक्ताओं ने केस की काफी स्टडी की। बॉम्बे हाईकोर्ट से दिसंबर 2023 में आए फैसले का भी अधिवक्ताओं ने अध्ययन किया, जिसमें राज्य सरकार को पक्षकार बनने के लिए संशोधित प्रार्थना पत्र दाखिल करने का आदेश दिया गया था। केस को समझने के बाद दोनों अधिवक्ताओं ने प्रशासन को यह सुझाव दिया कि वह फैक्ट्री की भूमि पर पजेशन (कब्जा) लेने के लिए जिला जज की अदालत में डीजीसी (सिविल) के जरिए वाद दर्ज कराएं।

सूत्रों ने बताया कि अधिवक्ताओं के सुझाव के बाद प्रशासन और यूपीसीडा के बरेली से लखनऊ तक के अफसरों ने जिला जज कोर्ट में वाद दर्ज कराने के लिए चर्चा। सहमति बनने के बाद यूपीसीडा के अधिकारी फाइल तैयार करा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि जिला जज कोर्ट में भूमि पर पजेशन लेने के लिए वाद दर्ज कराया जाएगा।

पैरवी में लाखों रुपये खर्च हो चुके
बॉम्बे हाईकोर्ट में कई साल से प्रशासन पैरवी करा रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सी सिंह ने भी पैरवी की। कई लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। पिछले साल राज्य सरकार से याचिका दाखिल करने की अनुमति मांगने के साथ दोनों वकीलों की फीस शेड्यूल की भी मंजूरी दी गई थी।

यहां चूकने की वजह से केस उलझता गया
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2023 को राज्य सरकार को पक्षकार बनने के लिए संशोधित प्रार्थना पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार की ओर से संशोधित याचिका दाखिल नहीं की गई थी। इस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के विरुद्ध अलकेमिस्ट/सुरक्षित देनदारों की ओर से याचिका दाखिल कर दी गई।

इस अपील के विरुद्ध भी राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए नामित अधिवक्ता ने प्रति शपथपत्र दाखिल नहीं किया था। इसका लंबे समय बाद खुलासा हुआ था। इसी सिलसिले में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में 20 नवंबर 2024 को संबंधित अधिकारियों और वकीलों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई थी।

1999 से बंद है रबड़ फैक्ट्री
फतेहगंज पश्चिमी में रबड़ फैक्ट्री के लिए 1960 के दशक में मुंबई के सेठ किलाचंद को 3.40 लाख रुपये में 1382.23 एकड़ भूमि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने लीज पर दी थी। लीज डीड में यह शर्त शामिल थी कि फैक्ट्री बंद होने पर सरकार जमीन वापस ले लेगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। फैक्ट्री 15 जुलाई 1999 से बंद है। प्रशासन जमीन वापस लेने के लिए केस लड़ रहा है।

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