Kanpur IIT में डिजिटल लर्निंग टूल्स के प्रभाव बताए गए; वर्चुअल लैब्स पर हुआ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 

Kanpur IIT में डिजिटल लर्निंग टूल्स के प्रभाव बताए गए; वर्चुअल लैब्स पर हुआ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी में मंगलवार को वर्चुअल लैब्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल लर्निंग टूल्स के परिवर्तनकारी प्रभाव बताए गए। प्लेनरी टॉक, मुख्य भाषण, व्याख्यान और पैनल चर्चाएं हुईं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती तकनीकों, शैक्षिक प्रगति, उपयोगकर्ता अनुभव और शिक्षा में रिमोट व वर्चुअल प्रयोगों के बढ़ते महत्व पर चर्चा की गई।

वर्चुअल लैब्स सम्मेलन के प्रमुख अन्वेषक व समन्वयक प्रो. कांतेश बलानी ने वर्चुअल लैब्स के उपयोगकर्ता अब डेवलपर की भूमिका पर जानकारी दी। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि वर्चुअल लैब्स कंसोर्टियम का उद्देश्य छात्रों को वर्चुअल वातावरण प्रदान करना है। 

वर्चुअल लैब्स परियोजना के राष्ट्रीय समन्वयक एवं इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक प्रो. रंजन बोस ने वर्चुअल लैब्स परियोजना का परिचय दिया। अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने वर्चुअल लैब्स के नोडल सेंटर के रूप में 120 से अधिक कॉलेज शामिल किए हैं। 

आईआईआईटी हैदराबाद के प्रो. वेंकटेश चोप्पेला ने कहा कि वर्चुअल लैब्स इंजीनियरिंग में नया बुनियादी ढांचा विकसित करने में मददगार हो सकता है। अमृता विश्व विद्यापीठम के प्रो. श्याम दिवाकर ने भी विचार रखे।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटका के प्रो. गंगाधरन केवी, आईआईआईटी दिल्ली के प्रो. रंजन बोस, एनआईटीके से प्रो. केवी गंगाधरन, आईआईटी रुड़की से प्रो. आरएस आनंद, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से प्रो. राहुल स्वरूप, सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी पुणे से प्रो. सुधीर आगाशे, अमृता विश्व विद्यापीठम से प्रो. श्याम दिवाकर, आईआईटी कानपुर से प्रो. कांतेश बलानी, प्रो. जे रामकुमार शामिल थे। सम्मेलन में 20 छात्र समूहों, छह क्षेत्रीय केंद्रों और 30 नोडल केंद्र समन्वयकों ने परियोजना प्रस्तुतियां दी।

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