शाहजहांपुर : जस्टिस खन्ना और सीबीआई चीफ बनकर 1 करोड़ 2 लाख ठगे

साइबर ठगों ने महानगर के संभ्रांत व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर बनाया शिकार

शाहजहांपुर : जस्टिस खन्ना और सीबीआई चीफ बनकर 1 करोड़ 2 लाख ठगे

शाहजहांपुर, अमृत विचार। साइबर ठगों ने जस्टिस संजीव खन्ना खन्ना और सीबीआई चीफ बनकर महानगर के एक संभ्रांत व्यक्ति से एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने पीड़ित को झांसे में लेने के लिए फर्जी डिजिटल कोर्ट तक बना डाला और उसमें पीड़ित की वीडियो कॉल के जरिए पेशी भी करा दी और पीड़ित की एफड़ी तुड़वा कर पैसा अपने खाते में भिजवा कर हड़प लिया। पीड़ित के पास सुप्रीम कोर्ट का फर्जी ऑर्डर तक भेज दिया गया। इसके बाद जालसाज लापता हो गए और उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गए। तब पीड़ित को ठगी का पता चला और उन्होंने मामले की रिपोर्ट साइबर थाने में दर्ज कराई।

चौक कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दीवान जोगराज निवासी शरद चंद्र की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 6 मई को उसके पास एक फोन आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) का अधिकारी बताया। साथ ही खुद को विजय खन्ना, आईपीएस अधिकारी के रूप में पहचान दी और कहा कि वित्त मंत्रालय से जुड़े एक केस में उससे पूछताछ होनी है। कॉल करने वाले ने आरोप लगाया कि पीड़ित के खाते से सेंट्रल बैंक मुंबई में 2.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं।

व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर पूछताछ के दौरान पीड़ित ने इनकार किया और बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से मुंबई नहीं गया है। 7 मई को एक अन्य कॉल में कॉलर ने खुद को सीबीआई चीफ बताया और कहा कि उसे जस्टिस खन्ना के समक्ष पेश होना होगा। उसे टैबलेट के माध्यम से वीडियो कॉल पर पेश किया गया। वहां एक व्यक्ति ने खुद को जस्टिस खन्ना बताया और कहा कि पीड़ित की एफडी 94 लाख रुपये की है, जिसे लिक्विडेट करके बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दे।

पीड़ित ने 14 मई को ठगों द्वारा बताए गए अकाउंट में 71 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। 14 मई को आरोपी विजय खन्ना ने पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की बेल ऑर्डर की काॅपी भी भेजी। उनके कहने पर उनके बताए अकाउंट में साढ़े 9 लाख रुपये फिर भेज दिए। एफआईआर के अनुसार, 7 मई को चीफ जस्टिस बने खन्ना ने कहा था सारा पेमेंट करने पर उनकी जमानत देखी जाएगी। पीड़ित ने 23 लाख 45 हजार 130 रुपए अकाउंट में भेजे और फिर 32 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से भेजे। इस तरह कुछ एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी की गई। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट से एक पत्र पीड़ित के पास आया। इसमें उसको सभी आरोपों से बरी करते हुए पीड़ित का सारा पैसा वापस भेजने के निर्देश दिए गए। इसके बाद से पीड़ित का किसी से संपर्क नहीं हो रहा है।

मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पीड़ित से ट्रांसफर की गई रकम के साक्ष्य मांगे गए हैं। मामले की जांच की जा रही है। -सर्वेश कुमार शुक्ला, साइबर क्राइम थाना प्रभारी

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