पीलीभीत : ईंट भट्ठों पर कार्बन ब्लैक का खेल, सेहत और पर्यावरण दोनों पर खतरा
अमृत विचार : पीलीभीत में कुछ ईंट भट्ठा संचालक खतरनाक कार्बन ब्लैक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इसके बावजूद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों की अनदेखी की जा रही है।
कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए जिग-जैग तकनीक पर ईंट भट्ठे संचालित करने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन पीलीभीत में कुछ ईंट भट्ठा संचालक इसका पालन नहीं कर रहे हैं। कार्बन ब्लैक जीवाश्म ईंधन, जैव ईंधन और बायोमास के अधूरे दहन से उत्पन्न होता है। इसके उपयोग से जलवायु परिवर्तन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और इंसानी स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बरेली के वैज्ञानिक सहायक सुनील चौहान ने कहा कि अगर इस मामले में शिकायत मिलती है तो उनकी टीम जल्द ही क्षेत्र के ईंट भट्ठों पर पहुंचकर जांच करेगी और नियमानुसार कार्रवाई कराई जाएगी।
क्या है जिग-जैग तकनीक?
जिग-जैग तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिससे ईंट भट्ठों में कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकता है। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है और पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है। कार्बन ब्लैक के इस्तेमाल से ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
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