लखनऊ : अस्पताल से छुट्टी मिलते ही दुष्कर्म के आरोपी को किया गिरफ्तार

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Published By Vinay Shukla
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19 जून को पीड़िता के पिता ने दर्ज करायी थी गाजीपुर थाने में रिपोर्ट

लखनऊ,अमृत विचार: सर्वोदयनगर इलाके में किशोरी को घर बुलाकर दुष्कर्म करने वाले आराेपी देवकरन सिंह को गाजीपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना के बाद भागने के दौरान सड़क किनारे गड्ढे में मुंह के बल गिरने से उसके पैर टूट गए थे। जांच में पुलिस ने बंधक बनाने, धमकी व मारपीट की धारा बढ़ायी थी। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आरोपी मूल रूप से कौडिया का रहने वाला है।

पीड़िता के पिता ने 19 जून को देवकरन के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। बताया था कि 18 जून की देर रात खाना खाने के बाद सभी लोग सो गए थे। 19 जून की तड़के 4:30 बजे परिजन उठे तो 13 वर्षीय बेटी घर से गायब थी। खोजबीन करते हुए परिजन सर्वोदयनगर में दोस्त देवकरन के घर पहुंचे थे। पिता के दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला था। परिजन पड़ोस में छिपकर निगरानी करने लगे थे।

कुछ देर बाद घर से आरोपी का भाई व उसका दोस्त बाहर आए थे। बेटी के बारे में पूछने पर पीड़ित पिता को उन लोगों ने कोई जानकारी न होने की बात कही थी। पिता जबरन घर में घुस गए थे। किशोरी के पिता को देखकर आरोपी वहां से भागने लगा थ। गिरने से उसके पैर टूट गए थे। सुबह 8:30 किशोरी घर पहुंची तो उसने देवकरन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। इंस्पेक्टर गाजीपुर विकास राय ने बताया कि आरोपी देवकरन का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा था। मंगलवार को छुट्टी मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

अलीगंज में पांच साल से फरार ठग गिरफ्तार

मार्डन रेल कोच फैक्ट्री में टेंडर दिलाने व नौकरी के नाम पर करीब 29 लाख रुपये ठगने वाले जालसाज को अलीगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी करीब पांच साल से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल बरामद किया है।

एसीपी अलीगंज धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि त्रिवेणीनगर निवासी सौरभ सिंह ने 9 मार्च 2021 को अलीगंज थाने में कोर्ट के आदेश पर जितेंद्र, संतोष व श्रवण कुमार के खिलाफ जाली दस्तावेज के आधार पर करीब 29 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आराेपियों ने नौकरी और रायबरेली के लालगंज में मार्डन रेल कोच फैक्ट्री का टेंडर दिलाने के नाम पर उनके साथ और बस्ती निवासी श्रवण कुमार त्रिपाठी से रुपये ऐंठने के बाद जाली नियुक्ति पत्र थमा दिया था।

पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को पूर्व में जेल भेजा था, जबकि चौथा आरोपी श्रवण कुमार त्रिपाठी निवासी कप्तानगंज बस्ती फरार चल रहा था। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गोमतीनगर स्थित विशेषखंड इलाके में मौजूद हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी श्रवण को दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ बस्ती, अमेठी, अलीगंज व विभूतिखंड में फर्जीवाड़े के पांच मामले दर्ज हैं।

परीक्षार्थियों की गाड़ी से सामान उड़ाने वाले तीन शातिर गिरफ्तार

अमृत विचार: परीक्षा केंद्रों के बाहर परीक्षार्थियों की स्कूटी व बाइक की डिग्गी से जेवर, नकदी, मोबाइल व अन्य कीमती सामान चुराने वाले गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपियों को कृष्णानगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल, जेवर, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, करीब एक हजार रुपये व घटना में प्रयुक्त स्कूटी बरामद की है।

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सैयद सैफ निवासी टिकैतराय तालाब कॉलोनी बाजारखाला, मयंक सोनकर निवासी राजा होटल वाली गली अमीनाबाद और राजाजीपुरम के एलडीए कॉलोनी निवासी रूपेश यादव है। डीसीपी ने बताया कि सोमवार को अमेठी के मुसाफिरखाना निवासी मो. वैश ने कृष्णानगर कोतवाली में चोरी धोखाधड़ी व चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया था कि वह बीते शुक्रवार को कृष्णानगर के भोलाखेड़ा स्थित पवन ऑनलाइन सोल्यूशन परीक्षा केंद्र आए थे। केंद्र से बाहर निकलने पर उन्हें अपनी स्कूटी में रखा मोबाइल और दो एटीएम कार्ड गायब मिला। इसके कुछ देर बाद उनके कार्ड से 1.30 लाख रुपये खाते से निकल गए।

इसी तरह सुशांत गोल्फ सिटी निवासी परीक्षार्थी प्रियंका शुक्ला ने भी 11 जून को स्कूटी से जेवर व अन्य सामान चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के जरिये तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए। इंस्पेक्टर पीके सिंह ने बताया कि आरोपी सैयद गिरोह का सरगना है। उस पर लखनऊ, बाराबंकी व प्रयागराज में करीब दस मामले दर्ज हैं। आरोपी मयंक मोबाइल रिपेयरिंग और रुपेश एक निजी कंपनी में नौकरी करता है।

स्कूटी चिन्हित कर मास्टर-की से खोलते थे डिग्गी : आरोपी सैयद सैफ ने पूछताछ में कबूला कि वह परीक्षा केंद्रों के बाहर पहले से खड़े होकर स्कूटी चिह्नित करते है। परीक्षार्थी के केंद्र में जाते ही वे मास्टर-की से स्कूटी डिग्गी खोलकर उसमें रखा सामान चोरी कर लेते थे। आरोपी ने बताया कि मो. वैश की स्कूटी से मिले डेबिट कार्ड से रकम निकाल कर साथी मयंक के आरबीएल बैंक क्रेडिट कार्ड का भुगतान किया था। जबकि कुछ रकम की खरीदारी की थी।

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