पुलिस ने की अनसुनी तो अदालत का लिया सहारा : कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुए तीन मामले

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

बाराबंकी, अमृत विचार : शासन से लेकर आला अफसर तक लाख शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज करने की बात करें लेकिन तीन अलग-अलग मामले यही साबित कर रहे कि पुलिस नहीं सुनती। समय से थाना व उच्च अधिकारियों को सूचित किए जाने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उल्टे पीड़ितों को ही थानों में बिठाए रखा गया, और कुछ मामलों में उनके खिलाफ ही मुकदमे दर्ज कर दिए गए। विवश होकर पीड़ित न्यायालय के शरणागत हुए तब रिपोर्ट दर्ज की गई।

थाना असन्द्रा क्षेत्र के पकरिहा निवासी गोकरन की 6 वर्षीय पुत्री मधु पर विपक्षियों ने हमला किया। पीड़िता की उंगली दांत से काटी गई और उसकी मां व पिता को भी मारा-पीटा गया। घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने गए गोकरन को उल्टे शांति भंग की धारा में चालान कर दिया गया, जबकि विपक्षियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हो गया। पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई।

जहांगीराबाद के आशीष कुमार शादी समारोह में शामिल होने सतरिख गए थे। वहां पूर्व रंजिश में विपक्षियों ने उनके और चचेरे भाई पर हमला किया, मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। थाना सतरिख में शिकायत देने पर उन्हें दिनभर बैठाया गया और रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पीड़ित ने एसपी को पत्र दिया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अंततः कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज हुई।

सतरिख थाना क्षेत्र की ममता देवी ने गांव के सार्वजनिक रास्ते पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध किया तो विपक्षियों ने लाठी-डंडों से हमला किया। घर में घुसकर मारपीट की गई। थाने पर शिकायत के बावजूद कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई, बल्कि प्रार्थिनी और उनके परिजनों पर ही फर्जी मुकदमा कायम कर दिया गया। आखिरकार न्यायालय के हस्तक्षेप से प्राथमिकी दर्ज हो पाई।

यह भी पढ़ें:- Sawan 2025 : भगवान शिव ही नहीं रामजी की भी होती है पूजा..बरतें ये सावधानियां इस तरह से भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

संबंधित समाचार