वेटलॉस की सर्जरी के दौरान महिला की हुई मौत, परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप

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Published By Anjali Singh
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मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक निजी अस्पताल में मोटापा घटाने के लिए की गई ‘बेरिएट्रिक’ सर्जरी के बाद 55 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को हुई महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया हालांकि हालात बिगड़ते देख पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देते हुए लोगों को शांत कराया। 

‘बेरिएट्रिक’ सर्जरी को वजन घटाने की सर्जरी भी कहा जाता है और यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके जरिये मोटापे से पीड़ित लोगों को वजन कम करने में मदद मिलती है। अधिकारी ने बताया कि सदर बाजार निवासी टेंट व्यवसायी ब्रजमोहन गुप्ता की पत्नी रजनी गुप्ता को 11 जुलाई को न्यूटिमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रजनी का वजन 123 किलोग्राम था।

परिजनों के मुताबिक, ‘फेसबुक’ पर कथित विज्ञापन से प्रभावित होकर रजनी ‘बेरिएट्रिक’ सर्जरी कराने अस्पताल आई थी और उनकी सर्जरी डॉ. ऋषि सिंघल ने की थी। रजनी के बेटे शुभम गुप्ता के मुताबिक, उनकी मां और 26 वर्षीय बहन शिवानी गुप्ता दोनों को सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि शिवानी का वजन 120 किलोग्राम था लेकिन उसका ऑपरेशन सफल रहा। परिवार ने आरोप लगाया कि चिकित्सक ने 24 घंटे के भीतर 30 किलो वजन कम होने का वादा किया था लेकिन इसके बजाय रजनी की मौत हो गई। 

परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि ऑपरेशन के एक दिन बाद ही रजनी को पेट में असहनीय दर्द हुआ लेकिन चिकित्सकों ने इसे हल्के में लिया। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को पता चला कि ऑपरेशन के बाद पेट में संक्रमण फैल गया और उचित इलाज न मिलने के कारण मंगलवार को उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बृजमोहन गुप्ता ने चिकित्सक और कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दी है लेकिन मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। 

मेडिकल थाना प्रभारी निरीक्षक शिलेश कुमार ने बताया कि यह शिकायत सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को भेजी गई है और जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीएमओ डॉ. अशोक कुमार कटारिया ने बताया कि उनके पास अब तक इस मामले में शिकायत नहीं आई है और शिकायत प्राप्त होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। डॉ. ऋषि सिंघल ने लापरवाही के आरोपों से इनकार करते हुए बताया कि आठ जुलाई को शिवानी अपनी मां के साथ मिलने आई और कहा कि कांवड़ यात्रा कि वजह से उनका काम अभी बंद है इसलिए अभी उनकी सर्जरी कर दी जाये। 

डॉ. ऋषि ने बताया कि उन्होंने दोनों मां-बेटी को समझाया कि बिना जांच और तैयारी के सर्जरी नहीं की जा सकती लेकिन अगले दिन शिवानी सारी जांच रिपोर्ट लेकर आई और 11 जुलाई को उसकी मां की तथा 14 जुलाई को उसकी सर्जरी कराने का समय निर्धारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि रजनी को पहले से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायरायड जैसी कई समस्याएं थीं। डॉ. ऋषि ने बताया कि मां-बेटी दोनों को सूचित किया गया था कि प्रक्रिया जटिल होगी। 

उन्होंने बताया कि रजनी की 11 जुलाई को सफल सर्जरी हुई जिसके बाद शिवानी ने अपनी सर्जरी 12 जुलाई को करने का अनुरोध किया। चिकित्सक ने बताया कि दोनों की हालत 13 जुलाई की सुबह तक स्थिर थी। उन्होंने बताया कि

 शाम को रजनी को कुछ बेचैनी महसूस हुई, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉ. ऋषि ने बताया किल चिकित्सकों की एक टीम ने रजनी का इलाज किया लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। 


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