लखनऊ : बच्चों के विकास में जल्दबाजी से बचें, जानिये कितना खतरनाक है वॉकर का इस्तेमाल
लखनऊ, अमृत विचार। बच्चों के शारीरिक विकास में जल्दबाजी से कई नुकसान हो सकते हैं। जो बच्चों के जीवन पर गंभीर असर डाल सकता है, केजीएमयू के पूर्व वरिष्ठ आर्थोटिक्स एंड प्रोस्थेटिक्स विशेषज्ञ अरविंद कुमार निगम ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुये अभिभावकों (माता-पिता) को महत्वपूर्ण सलाह दी है।
उन्होंने बताया कि प्राकृति ने बच्चों के जन्म से लेकर उनके चलने तक की प्रक्रिया को नॉर्मल एंड नेचुरल "माइल्स स्टोन" (milestones) के रूप में निर्धारित किया है, जो 4, 6, 8, 12 और 18 महीनों में पूरे होते हैं। इनमें बच्चे का बिस्तर पर लोटना, उनका पेट के बल लेटना, बैठना, घुटनों के बल चलना, खड़ा होना और पूरी तरह से चलना शामिल है। हालांकि, आजकल कई माता-पिता 6 महीने में ही अपने बच्चे को खड़ा करने और 8 महीने में चलाने की जल्दबाजी करते हुये देखे जा सकते हैं।
अरविन्द निगम के मुताबिक, यह जल्दबाजी बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती है, जैसा कि समय से पहले जन्म (प्रीमेच्योर डिलीवरी) के मामलों में देखा जाता रहा है। इससे बच्चों में बो-लेग्स, फ्लैट फुट जैसी विकृतियां (deformities) होने का खतरा बढ़ जाता है। इसका पीछे का कारण है कि बच्चे का ऊपरी हिस्सा भारी होता है, जबकि निचला हिस्सा कोमल और कमजोर होता है, जो ऊपरी वजन को सहन नहीं कर पाता। लिहाजा दबाव पड़ने पर हड्डियों का आकार बदल सकता है, जिससे स्थायी और गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
उन्होंन अभिभावकों से अपील की कि वे इस जानकारी को अन्य लोगों तक जरूर फैलायें, जिससे जागरूकता फैले, ताकि बच्चों का स्वस्थ विकास हो सके। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास में धैर्य और प्राकृतिक प्रक्रिया का पालन ही सबसे उत्तम है।
माता -पिता के लिए सुझाव
बच्चे के प्राकृतिक विकास का सम्मान करें
बच्चे को अपने समय पर बैठने, खड़े होने और चलने दें।
समय से पहले वॉकर का उपयोग न करें, क्योंकि यह हड्डियों पर दबाव डाल सकता है।
बच्चे के निचले अंगों की नीचे से ऊपर की ओर तेल से मालिश करें।
बच्चे को उचित और संतुलित आहार दें।
सुबह की हल्की धूप में बच्चे को रखें।
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