Sawan 2025: 17वीं सदी में स्थापित नागेश्वर महादेव जिसकी नाग करता है पूजा, सावन मास में लगता है श्रद्धालुओं का जमावड़ा 

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Published By Anjali Singh
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अमृत विचार, बख्शी का तालाब: क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक नागेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता दूर-दराज के गांवों तक फैली हुई है। कहा जाता है कि 17वीं सदी में स्थापित इस मंदिर की विशेषता इसकी दिव्यता और रहस्यमय घटनाओं में छिपी है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि मंदिर में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है। इसकी रात्रिकालीन रक्षा स्वयं एक नाग करता है। नाग हर रात मंदिर में आकर शिवजी की आराधना करता है।

सावन मास में यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। भक्तों का विश्वास है कि इस पवित्र माह में प्रतिदिन शिव आराधना करने से हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं। सिर्फ सोमवार ही नहीं, बल्कि पूरे सावन में मंदिर में विशेष पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। मंदिर के पास स्थित ऐतिहासिक त्रिपुर चंद्र बख्शी का तालाब, ठाकुरद्वारा और बड़ी बाजार क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को और अधिक समृद्ध करते हैं। 

पुजारी विमलेश भारती पंचदसनाम जूना अखाड़ा से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों से इस मंदिर की सेवा कर रहा हूं। शिव की आराधना से असीम ऊर्जा प्राप्त होती है और लोगों की आस्था इस मंदिर से गहराई से जुड़ी है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है, बल्कि आस्था, संस्कृति और रहस्य का अद्वितीय संगम भी है।

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