गोंडा में खतरे के निशान के करीब घाघरा, डीएम ने संभाला मोर्चा
बाढ़ चौकियां अलर्ट मोड पर, राहत एवं बचाव की तैयारियों की समीक्षा
गोंडा, अमृत विचार : घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने तहसील करनैलगंज के अंतर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बहुवन मदार माझा का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति, संचार व्यवस्था, राहत सामग्री की उपलब्धता और आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की बारीकी से जांच की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि बाढ़ राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एनडीआरएफ जैसी तैयारी रखने के निर्देश : जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों में नाव, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट, रस्सी, सैटेलाइट फोन जैसी सामग्री पूरी तरह तैयार रखी जाए। आश्रय स्थलों पर पेयजल, शौचालय, भोजन एवं चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं, ताकि आपात स्थिति में लोगों को कोई दिक्कत न हो।
जनता से की अपील : डीएम प्रियंका निरंजन ने ग्रामीणों से अफवाहों से बचने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति में तत्काल स्थानीय प्रशासन या कंट्रोल रूम को सूचना दें, ताकि समय रहते राहत पहुंचाई जा सके।
डूबे फसलों का कराया जाएगा सर्वे : डीएम ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में फसलें डूब गई हैं, उनका तत्काल सर्वे कराकर संबंधित किसानों को मुआवजा दिलाया जाए। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, उपजिलाधिकारी करनैलगंज, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राजेश श्रीवास्तव, बाढ़ खंड के एक्सईएन जय सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें:-राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने विकास कार्यों की रफ्तार पर दिया ज़ोर, टिकैतनगर में संपूर्णता अभियान का भव्य आयोजन
