कानपुर: खराब मीटर में भी केस्को मुहैया कराएगा नेटवर्क, लगेंगे सिम कार्ड
आरएफ तकनीक का होगा इस्तेमाल, बिलिंग प्रक्रिया होगी और बेहतर
कानपुर, अमृत विचार। केस्को में कुछ ऐसे उपभोक्ता है, जिनको वर्तमान में बिलिंग संबंधित समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिसका निस्तारण करने के लिए केस्को ने तैयारी कर ली है। बिलिंग प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए केस्को आरएफ तकनीक का इस्तेमाल करेगा।
इस तकनीक का लाभ ये होगा कि खराब मीटर में भी केस्को नेटवर्क मुहैया कर सकता है और अपार्टमेंट में लगे नीचे एक ही मीटर से अन्य उपभोक्ताओं के बिलिंग प्रक्रिया पूर्ण हो सकेगी। उनके पास बिल संबंधित मैसेज पहुंच सकेंगे। इससे न केस्को रीडर को दिक्कत होगी और न ही उपभोक्ताओं को परेशानी होगी।
शहर में कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी के अंतर्गत करीब साढ़े सात लाख उपभोक्ता है, जिनमे से एक लाख 52 हजार उपभोक्ता स्मार्ट मीटर धारक है। इनके अलावा कुछ जगहों पर स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू हो गया है। इन स्मार्ट मीटर में रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से बिलिंग प्रणाली बेहतर हो सकेगी और उपभोक्ताओं की समस्याएं कम हो सकेगी।
इन स्मार्ट मीटर में एक सिम कार्ड भी इंबिल्ट किया जाएगा। सिम कार्ड की मदद से स्मार्ट मीटर में नेटवर्क संबंधित समस्या दूर होगी और आरएफ तकनीक से केस्को खराब मीटर में भी नेटवर्क मुहैया करा सकेगा। ऐसे में अब किसी फ्लैक्ट या अपार्टमेंट आदि में मीटर रीडर को बिल तैयार करने में दिक्कत नहीं होगी। न ही उनकी नीचे से ऊपर तक सीढियां चढ़कर जाना पड़ेगा।
वहीं, अगर किसी फलैक्ट या अपार्टमेंट में कोई मीटर खराब मिलता है तो भी बिलिंग की दिक्कत नहीं होगी। केस्को मीडिया प्रभारी देवेंद्र वर्मा के मुताबिक यदि किसी उपभोक्ता के मीटर में कोई समस्या आती है तो आरएफ तकनीक का उपयोग करके उसके पास वाले मीटर से बिल तैयार किया जा सकता है। यह तकनीक केस्को को बिजली की खपत पर बेहतर नियंत्रण रखने और बिलिंग प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाने में भी मदद करेगी।
बिल ठीक कराने के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर
उपभोक्ताओं को अभी बिल में हुई गड़बड़ी के लिए सबस्टेशन से लेकर केस्को मुख्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते है। एक बिल में सुधार कराने के लिए हफ्ते व महीने बीत जाते है। तब जाकर बिल में कुछ संसोधन हो पाता है। लेकिन आरफ तकनीक की मदद से केस्को अधिकारियों के मुताबिक ऐसा नहीं होगा। बिल संबंधित दिक्कत उपभोक्ताओं को नहीं होगी। इस तकनीक के माध्यम से एक मीटर से दूसरे मीटर का बिल तैयार किया जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं को बिल संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
