सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने दिया संदेश “आत्म अध्ययन ही है अध्यात्म”
लखनऊ, अमृत विचार। “ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल की अगुआई में शनिवार को श्रावणी पूर्णिमा के दिन हनुमान सेतु स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में 101 किलो लड्डुओं का भोग लगाया गया। इस अवसर पर सपना गोयल ने संदेश दिया कि “आत्म अध्ययन ही है अध्यात्म”। उन्होंने बताया कि हम वाह्य जगत का अध्ययन कर शारीरिक और सामाजिक उन्नति तो हासिल कर सकते हैं पर आध्यात्मिक उन्नति के लिए हमें आत्ममुखी होना होगा। परमात्मा से जुड़ने का मार्ग, आत्मज्ञान से ही संभव है। सुंदरकांड का नियमित पाठ इस दिशा में व्यक्ति के सुप्त बल को जागृत करता है और उसका सम्पूर्ण जीवन ही आनंदमयी और सुंदर बना देता है।
सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने कहा कि यह वक्त की पुकार है कि सभी सनातनी मातृशक्तियां, अपने-अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति के परिवेश में ढालें। इसके साथ ही उनके जीवन को खुशियों से भरने के लिए सनातन धर्म क्या है? इसके बारे में उन्हें पूर्ण जानकारी दें। जैसे स्वयं देवी मां अंजना ने अपने पुत्र हनुमान महाराज को संस्कारवान बनाया था। उनके अनुसार जीवन में जननी और जन्मभूमि दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण है। सनातनी परंपरा का अनुसरण करके हम इन दोनों को नमन कर अपना और समाज का उत्थान कर सकते हैं। इसी में, राष्ट्र उन्नति निहित है। सुंदरकांड के नियमित पाठ से केवल सनातनियों का ही नहीं बल्कि हर समाज के अनुयायियों का कल्याण सम्भव है। सुंदरकांड के पाठ में सुंदर विश्व की कामना का भाव निहित है। उनके अनुसार “सुंदरकांड महा अभियान, भारत वर्ष की बने पहचान” महज एक साल की अल्पावधि में दिलों से लेकर जिलों तक को जोड़ने में सफल रहा है। उनके इस महा अभियान का लक्ष्य है कि संतों और देवों की पावन भूमि भारत पुनः विश्व गुरु बने। अयोध्या जी जन्मभूमि परिसर में मातृशक्तियों द्वारा सामूहिक “मासिक सुंदरकाण्ड पाठ” का सिलसिला 11 सितम्बर 2024 से शुरू हो गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से लखनऊ की “ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवासमिति” की सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल को इसका दायित्व सौंपा गया है। सपना गोयल द्वारा बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च 2024 को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में स्थानीय अनगिनत मंदिरों के साथ ही नैमिषारण्य तीर्थ, उत्तराखंड कोटद्वार के प्रतिष्ठित प्राचीन मंदिर-सिद्धबली परिसर, काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर, मथुरा स्थित भगवान कृष्ण जन्मस्थली मंदिर परिसर और प्रयागराज के लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर में भी सामूहिक सुंदरकांड पाठ का अनुष्ठान, सफलतापूर्वक आयोजित करवाया जा चुका है। यह अभियान देश ही नहीं विदेशों तक में संचालित किया जा रहा है।
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