यूपी विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से... विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा करने को तैयार सभी दल, पहले दिन ही हंगामे की आशंका
लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 11 अगस्त से शुरू होने वाला है और यह 16 अगस्त तक चलेगा। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने रविवार को विधान भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में 18वीं विधान सभा (2025) के द्वितीय सत्र को सुचारू, मर्यादित और रचनात्मक ढंग से संचालित करने के लिए सभी दलीय नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी नेताओं से अपील की कि वे अपने विचार शालीनता और संसदीय मर्यादा के दायरे में रखें तथा आपसी सम्मान और सौहार्दपूर्ण वातावरण में बहस करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पूर्व की भांति इस सत्र में भी सभी का सहयोग मिलेगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग से विधानसभा के नये स्वरूप, तकनीकी नवाचार और विजन डॉक्यूमेंट जैसी पहलें सदन के लिए मील का पत्थर सिद्ध होंगी। बैठक में मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जतायी कि 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की मुख्य भागीदारी होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहली विधानसभा होगी जो विजन डॉक्यूमेंट पर विस्तृत चर्चा करेगी, जिसमें प्रदेश के समग्र विकास के लिए सभी दलों के सुझाव शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं, बल्कि प्रदेश के भविष्य का साझा खाका होगा।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि अब तक सदस्य अपने-अपने क्षेत्र की बात करते थे, लेकिन यह चर्चा पूरे प्रदेश के भविष्य को दिशा देगी। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए वे हर संभव सत्ता पक्ष का सहयोग करने को तैयार हैं। कांग्रेस विधायक दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट पर लंबी और गंभीर चर्चा होनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक सुझाव एकत्र किए जा सकें।
सर्वदलीय बैठक में जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के नेता कुंवर रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया और बसपा विधायक दल के नेता उमाशंकर सिंह ने भी विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा शुरू करने का समर्थन किया। अपना दल (सोनेलाल) के रामनिवास वर्मा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर तथा संजय निषाद समेत सभी दलों के नेताओं ने भी विजन डॉक्यूमेंट की पहल का स्वागत किया। इस बीच यह भी खबर सामने आई है कि सत्र से पहले विपक्षी दल महंगाई, बेरोजगारी और अन्य जरूरी मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे।
कार्यमंत्रणा में तय हुई भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा
इसके पूर्व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में जयवीर सिंह, योगेंद्र उपाध्याय, सुशील कुमार शाक्य, जय प्रताप सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, रविदास मेहरोत्रा, डॉ. संग्राम यादव, श्रीमती आराधना मिश्रा मोना, कुंवर रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया, ओम प्रकाश राजभर जयवीर सिंह और रमेश सिंह उपस्थित थे। बैठक में भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। बैठक में विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद रहे।
माननीयों की लगी एआई पाठशाला, स्मार्ट बने विधायक
उप्र. विधानमंडप में रविवार को ‘माननीयों’ यानि विधायकों की एआई पाठशाला (ट्रेनिंग प्रोग्राम) का आयोजन किया गया। विशेष सत्र में रविवार को विधायकगण आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस के प्रशिक्षण को लेकर स्मार्ट नजर आए और अपनी-अपनी जिज्ञासाओं को लेकर विशेषज्ञों से तमाम सवाल किए।
विशेष सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, एवं विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन आई टी विशेषज्ञ डा. हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया और विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस दौरान विभिन्न सदस्यों ने अपने विचार और प्रश्न रखे -जिनमें सचिन यादव (सपा), डॉ. सुरभि, शशांक त्रिवेदी, डा. वर्मा, डॉ. रागिनी, डॉ. पल्लवी और डॉ. अभय शामिल रहे। इस अवसर पर “एआई –ड्रिवेन गवर्नेंस फॉर लेजिसलेटर्स” शीर्षक हैंडबुक का विमोचन भी किया गया।
विधायकों और जनता दोनों के लिए होंगी सूचनाएं
सत्र में तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे एआई का उपयोग वॉइस-टू-टेक्स्ट, भावना विश्लेषण, अनुवाद और दस्तावेज़ तैयार करने में किया जा सकता है। प्रस्तावित एआई समाधानों में एकीकृत डैशबोर्ड और चैटबॉट शामिल हैं, जो विधायकों और जनता दोनों के लिए सूचनाओं को तुरंत उपलब्ध कराएंगे।
एआई से न केवल कार्यकुशलता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि जनता के साथ संवाद को और अधिक पारदर्शी व त्वरित बनाया जा सकता है। तकनीक केवल सुविधा का माध्यम नहीं है, यह हमारे काम करने के तरीके को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है।
- सतीश महाना, विधानसभा अध्यक्ष
खुशी है कि विधान सभा में नई तकनीक को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने स्मरण किया कि एक समय मोबाइल फोन भी दुर्लभ थे, और आज एआई जैसी उन्नत तकनीकें विधायी कार्य को और सशक्त बना रही हैं।
- माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष
विधान सभा का इतिहास अब तकनीकी माध्यम से संरक्षित हो रहा है और यह अध्यक्ष महाना की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। एआई को ज्ञान का स्रोत है, तकनीक का सही उपयोग विधायकों को अधिक प्रभावी बना सकता है।
- सुरेश कुमार खन्ना, संसदीय कार्य मंत्री
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