UP : पहले आठ दिन तक FIR नहीं...अब बरामदगी नहीं होना बनी पुलिस के गले की फांस

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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टीएन अवस्थी, लखीमपुर खीरी। प्रेम प्रसंग में दूसरे समुदाय के युवक के साथ गई एक युवती के मामले में सदर कोतवाली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो समुदायों के बीच का मामला होने के बाद भी पुलिस ने संजीदगी नहीं दिखाई। आठ दिन तक न तो रिपोर्ट दर्ज की और न ही उसे बरामद करने का कोई प्रयास किया।

नतीजतन सदर कोतवाली से लेकर एसपी कार्यालय तक दो दिनों तक हंगामा चला, जो पुलिस के गले की फांस बन गया है। उधर सैधरी का बवाल भी पुलिस की लापरवाही व ज्यादती के कारण हुआ। पखवाड़े भर में हुए शहर के दो बवालों ने खीरी पुलिस की जमकर फजीहत कराई। इसके बाद भी उच्च अफसर लापरवाह पुलिस अधिकारियों को बचाने की कोशिश में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।
 
महिला अपराधों और सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस महकमा भी काफी गंभीर है, लेकिन शहर कोतवाली पुलिस के लिए महिला अपराधों को लेकर दिशा-निर्देश कोई मायने नहीं रखते हैं। इसकी बानगी दो अगस्त को सामने आई। जब शहर की एक 20 साल की युवती दूसरे समुदाय के युवक के साथ चली गई थी। युवती के घर वालों ने उसी दिन कोतवाली सदर पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन मामला दो समुदायों के बीच के होने के बाद भी पुलिस कतई गंभीर नहीं हुई। उसने न तो रिपोर्ट दर्ज की और न ही युवती को बरामद करने की कोशिश की। परिजनों कोतवाली के चक्कर काटते रहे, लेकिन परिजनों को जब यह पता चला की युवती का धर्मांतरण कराया गया है तो वह भड़क गए और मंगलवार की रात सैकड़ों लोगों के साथ पहुंचकर कोतवाली का घेराव कर हंगामा किया था। 

अगले दिन सुबह हिंदू संगठनों के साथ एसपी कार्यालय पर प्रदर्शन कर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और शहर कोतवाल समेत लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इससे सदर कोतवाल के हाथ पाव फूल गए थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने के दौरान यहां तक कह दिया था कि अगर लड़की नहीं आई तो मेरे मुंह पर कालिख पोत देना। शहर कोतवाल का यह गैरजिम्मेदाराना बयान आज भी सोशल मीडि़या पर वायरल हो रहा है और लोग लखीमपुर खीरी पुलिस पर तंज कस रहे हैं।

पुलिस अफसर अब इस गंभीर चूक पर पर्दा डालने में लगे हैं। हर तरफ से उठ रहे सवालों पर लीपा-पोती की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर आठ दिन तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही? अगर शुरुआत से ही कार्रवाई की जाती तो मामला इतना न बिगड़ता। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। 

धर्मांतरण का एंगल बना और गंभीर
परिजनों का आरोप है कि युवती को बहला-फुसलाकर ले जाया गया और धर्मांतरण कराने की साजिश रची गई। उन्होंने पुलिस की लापरवाही पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि जानबूझकर पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया गया।

अब जवाबदेही से बच नहीं पाएगी पुलिस
जानकारों का मानना है कि इस प्रकरण में पुलिस की लापरवाही साफ तौर पर सामने आ चुकी है। अब चाहे अधिकारी कितनी भी सफाई दें, लेकिन युवती की बरामदगी में की गई देरी और एफआईआर न लिखना पुलिस की बड़ी चूक और गंभीर लापरवाही मानी जाएगी। 

सैधरी मामले  में भी शहर कोतवाली पुलिस की खूब हुई थी फजीहत 
पखवाड़े भर पहले सैधरी निवासी  अमित भार्गव की मारपीट के दौरान हुई हत्या में पुलिस की लापरवाही और ज्यादती से लोगों में भारी आक्रोष पनपा था। हिंदू संगठनों ने शहर कोतवाल पर कार्रवाई समेत कई मांगों को लेकर एसडीएम सदर को ज्ञापन भी दिया था। इस कांड में भी सदर कोतवाली पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी। 

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