यूपी : सपा से निष्कासित पूजा पाल का अखिलेश पर तीखा हमला, कहा- सपा पोषित माफिया से जान का खतरा
प्रयागराज, अमृत विचार : सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा द्वारा पोषित माफिया और गुंडों से उनकी जान को गंभीर खतरा है। अखिलेश यादव को लिखे पत्र में पूजा पाल ने कहा कि जब उनके पति की हत्या हुई थी तब सपा सरकार सत्ता में थी। अब उन्हें आशंका है कि सपा समर्थित माफिया उनकी हत्या करा सकते हैं।
पूजा ने लिखा कि उन्हें भाजपा नेताओं से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि “मैंने खतरों से जूझते हुए जीवन जिया है। क्षेत्र की जनता और अति पिछड़ा पाल समाज मेरे साथ है। मुझे मिटाना सपा के लिए आसान नहीं होगा।”
अतीक अहमद का जिक्र : अपने पत्र में पूजा पाल ने सपा पर आरोप लगाया कि उनके पति की हत्या में शामिल रहे माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को पार्टी ने लगातार तीन चुनाव में प्रत्याशी बनाया। “जब मुझे सहारे की जरूरत थी, तब सपा ने मेरे पति के हत्यारे को मेरे खिलाफ चुनाव लड़वाया। लेकिन जनता और पाल समाज ने मुझे समर्थन देकर उन्हें हराया।”
मंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नहीं : अखिलेश यादव के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए पूजा पाल ने कहा कि उनकी मंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य पति के हत्यारों को सजा दिलाना था। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने उन्हें न्याय दिलाया और हत्यारों को मिट्टी में मिला दिया, जबकि सपा आज भी अपराधियों को संरक्षण देकर पाप कर रही है।
निष्कासन पर उठाए सवाल : अपने निष्कासन को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह भ्रम है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वजह से उन्हें पार्टी से निकाला गया। “असल वजह यह थी कि मैंने सदन में माफिया अतीक का नाम लिया। सपा अपराधियों की बुराई बर्दाश्त नहीं कर सकी और मुझे निष्कासित कर दिया। इससे अतीक के परिवार का मनोबल बढ़ा है।”
पीडीए पर तंज : पूजा पाल ने अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा कि अखिलेश इसका अर्थ बार-बार बदलते हैं। साथ ही सपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र का उल्लेख करते हुए खुद भी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के बागी विधायकों को मंत्री बनाने वाले बयान पर भी सवाल है। “सपा सरकार में कितने अति पिछड़ों को मंत्री बनाया गया था? तब केवल अपने समाज और मुस्लिम समाज को प्राथमिकता दी गई थी, जबकि अति पिछड़ों को जूठन जैसा सम्मान दिया गया। सपा अति पिछड़ों की पार्टी कभी नहीं हो सकती।”
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