राममंदिर : आठ मंदिरों में एक साथ फहराया जाएगा धर्म ध्वज, ट्रस्ट ने की तैयार कार्यक्रम की रूपरेखा
अयोध्या, अमृत विचार। प्राण प्रतिष्ठा के तर्ज पर राम मंदिर में भव्य आयोजन की तैयारी है। इसमें राम मंदिर के 201 फीट ऊंचे शिखर पर लगे ध्वज दंड में धर्म ध्वज फहराया जाएगा। शेषावतार मंदिर और परकोटा के छह अन्य मंदिर के शिखर पर भी एक साथ ध्वज स्थापित होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। तीन दिवसीय आयोजन के तहत प्रदेश के 24 से अधिक जिलों से अतिथियों की सूची तैयार की गई है। अक्टूबर माह में दीपोत्सव का आयोजन संपन्न होने के बाद अतिथियों को आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा।
राम मंदिर में 23 नवंबर से तीन दिवसीय ध्वज पूजन का कार्यक्रम प्रारंभ होगा। अयोध्या और काशी के वैदिक आचार्यों को इस आयोजन को संपन्न कराने की जिम्मेदारी होगी। मुख्य आयोजन 25 नवंबर को संपन्न किया जाएगा। इस दौरान राम रक्षा स्त्रोत सहित अन्य वैदिक मंत्रों का पारायण किया जाएगा। सभी मंदिरों पर वैदिक आचार्य की उपस्थिति में दोपहर 11:45 से 12:15 के बीच लगभग 30 मिनट के शुभ मुहूर्त पर धर्म ध्वज फहराया जाएगा।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री होंगे आमंत्रित
आयोजन में शामिल होने के लिए ट्रस्ट के द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा। समाज के सभी वर्ग से जुड़े प्रमुख लोगों को आमंत्रित करने के लिए 10 हजार लोगों की सूची तैयार की गई है।
ध्वज फहराने के साथ लोकार्पण भी होगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक परकोटे में स्थित श्री गणेश, श्री हनुमान, श्री सूर्य, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा, भगवान शिव के साथ शेषावतार मंदिर और सात अन्य ऋषि मुनियों के मंदिर में भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए तैयारी की जा रही है। परिसर में बन रहे मार्ग का कार्य पूरा होने के बाद यह दर्शन व्यवस्था लागू हो जाएगी। ट्रस्ट के सहयोगी व व्यवस्था प्रमुख गोपाल जी राव ने बताया कि यह राम मंदिर परिसर के निर्माण संबंधित अंतिम कार्यक्रम होगा, जिसमें ध्वज फहराये जाने के साथ पूरे परिसर के अन्य कार्यों का भी लोकार्पण किया जाएगा।
