रजिस्टर्ड डाक का स्पीड पोस्ट में विलय से बढ़ी ग्राहकों की परेशानी, देना पड़ रहा अतिरिक्त शुल्क

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः डाक विभाग की ओर से रजिस्टर्ड डाक को स्पीड पोस्ट में विलय कर दिए जाने से ग्राहकों को अब अधिक शुल्क चुकाना पड़ रहा है। पहले जहां रजिस्टर्ड डाक से चिट्ठी या दस्तावेज भेजने में मात्र 22 रुपये लगते थे, वहीं अब स्पीड पोस्ट से भेजने पर यही कार्य न्यूनतम 41.30 रुपये में हो रहा है। इससे ग्राहकों में नाराजगी देखने को मिली।

मंगलवार को जीपीओ और शहर के अन्य डाकघरों में कई लोग रजिस्ट्री कराने पहुंचे, लेकिन जब उन्हें रजिस्टर्ड डाक सेवा बंद होने की जानकारी मिली, तो उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ा। रेलवेकर्मी अजय कुमार ने बताया कि मैं हर महीने दस्तावेज रजिस्टर्ड डाक से भेजता था, जो सस्ता पड़ता था। अब स्पीड पोस्ट से भेजने पर लगभग दोगुना खर्च करना पड़ रहा है।

आलमबाग निवासी रेखा सिंह ने कहा कि रजिस्टर्ड डाक आम लोगों की सेवा थी, जिसे बिना पूर्व सूचना के खत्म कर देना ठीक नहीं है। एक अन्य ग्राहक रमेश वर्मा ने बताया कि पुरानी सेवा बंद करना जनता के हित में नहीं है। डाक विभाग को शुल्क में राहत देनी चाहिए। चीफ पोस्ट मास्टर जीपीओ राजेश कुमार ने कहा कि पहले की तुलना में अब रजिस्ट्री डाक कम होती थी जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया।

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