UP Health Scam: स्वास्थ्य विभाग में एक ही नाम से 6 जिलों में नौकरी कर रहे टेक्नीशियन के खिलाफ एफआईआर

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। आरटीआई द्वारा स्वास्थ्य विभाग में एक ही नाम से छह अलग अलग जिलों में कार्य कर रहे एक्स-रे टेक्नीशियन का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपियों के खिलाफ निदेशक पैरामेडिकल डॉ रंजना खरे ने सोमवार को वजीरगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है।

एफआईआर में विभाग में कूटरचित दस्तावेजो के जरिये नौकरी हासिल करने व विभाग को आर्थिक क्षति पहुचाने के आरोप में कार्यवाही की मांग की गई है। निदेशक पैरामेडिकल डॉ रंजना खरे की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती-2016 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उप्र द्वारा 403 एक्स-रे टेक्नीशियन अभ्यर्थियों को सफल घोषित करते हुए सूची उपलब्ध करायी गयी थी। सूची में जिसमें क्रमांक सख्या 80 पर अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह के नाम से 6 लोगों द्वारा फर्जी कूटरचित प्रपत्र तैयार कर कथित रूप से अर्पित सिंह के नाम पर विभिन्न जनपदों में नियुक्ति प्राप्त कर ली गई है।

इनमें पहला व्यक्ति जनपद बलरामपुर में कथित अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह, आधार कार्ड नम्बर-5254-4916-2718, निवासी मोहल्ला प्रतापनगर, पोस्ट शाहगंज, आगरा है। जबकि दूसरा जनपद फर्रुखाबाद में कथित अर्पित सिंह पुत्र अनिल कुमार सिंह आधार कार्ड नम्बर-5008-0779-9459, निवासी-22, प्रतापनगर, शाहगंज, आगरा है। 

इसी तरह तीसरा जनपद रामपुर में कथित अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह, आधार कार्ड नम्बर-8970-27771-5487, निवासी-सी-22, प्रताप नगर, शाहगंज, आगरा और चौथा व्यक्ति जनपद बांदा में कथित अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह, आधार कार्ड नम्बर 4968-2215-8342 निवासी सी 22, प्रतापनगर, शाहगंज, आगरा व पांचवां व्यक्ति जिला अमरोहा में कथित अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह आधार कार्ड नम्बर-3398-0733-7433 निवासी ग्राम नगला खुमानी, पोस्ट कुरावली, मैनपुरी तथा छठां व्यक्ति जनपद शामली में कथित अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह, आधार कार्ड नं अप्राप्त गृह जनपद आगरा में नौकरी कर रहा है। 

एफआईआर में कहा गया है कि उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा फर्जी एवं कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त कर ली गयी एवं सन् 2016 से स्वास्थ्य विभाग से वेतन प्राप्त कर विभाग को आर्थिक क्षति पहुँचाई गयी है। अतः इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित कार्यवाही की जाए। 

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