घायल पशुओं के इलाज के नाम पर चल रहा काली कमाई का धंधा... व्हाट्सएप ग्रुप से फैला देश भर में नेटवर्क, पूरा खेल क्यूआर कोड और वॉयस मैसेज का
आपस में शेयर कर देते एक दूसरे को घायल पशु
प्रशांत सक्सेना, लखनऊ, अमृत विचार: घायल पशुओं के उपचार और सेल्टर होम पर संरक्षण के नाम पर कमाई का धंधा व्हाट्सएप ग्रुपों से चलता है। कथित एनजीओ और दलालों ने अपने- अपने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर एक दूसरे को जोड़ रखा है। इसमें यही कार्य करने वाले देश और प्रदेश के लोग जुड़े हुए हैं जो आपस में एक दूसरे के केसों पर मदद कर कमीशन लेते हैं। यानी किसी राज्य या जिले में बीमार व घायल पशु की सूचना आती है तो ग्रुपों में फोटो व वीडियो साझा कर लेते हैं और इन्हीं ग्रुपों में जुड़े वास्तविक पशु प्रेमी इनके गोरखधंधे को न जानकर इलाज व अन्य तरह की मदद के लिए रुपये देते रहते हैं। यह आपस में काल तक नहीं करते, पूरा खेल क्यूआर और वॉयस मैसेज पर चलता है।
डर इसलिए नहीं कि कभी जांच या कार्रवाई नहीं होती
जरूरत होती है तो वीडियो काल ही करते है। राजधानी में भी ऐसे सैकड़ों ग्रुप पशुओं की मदद नाम और संस्थाओं के नाम से खेल चल रहे हैं। इस खेल में ज्यादातर महिलाएं और लड़कियां हैं और अब पढ़े लिखे युवा भी तेजी से शामिल हो रहे है, इनमें कोई सूचना देता है तो कोई पशुओं को ढोता है तो कोई पैरावेट बताकर इलाज करता है। डर इसलिए नहीं कि कभी जांच या कार्रवाई हुई नहीं।
केवल शव उठाने के लिए लेते हैं नगर निगम की मदद
सड़क पर घायल या बीमार पशुओं की सूचना पर नगर निगम रेस्क्यू करने पहुंचता है तो कथित एनजीओ व उनके दलाल सरकारी व्यवस्थाएं खराब बता देते हैं। सूचना देने वाले या फिर स्थानीय लोगों को भड़का कर टीम का विरोध कर वापस कर देते हैं, कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। जाल बिछाकर पशुओं को अपने सेल्टर होम मंगा लेते है और वहां झोलाछाप इलाज के बाद जब जान चली जाती है तो वह शव उठवाने के लिए नगर निगम को फोन करते हैं।
कुछ महिला बाहरी, गोशालाओं के नाम पर करती हैं वसूली
पशुओं की जान से खेलकर कमाई का धंधा सिर्फ राजधानी ही नहीं कानपुर समेत ज्यादातर शहरों में चल रहा है। ऐसे कार्य करने वाले कथित एनजीओ और दलाल राजधानी में ज्यादा है। कुछ महिलाएं बाहरी जिलों से हैं जिनकी राजधानी में जड़ और पकड़ बहुत मजबूत हो चुकी है। इनमें कुछ सरकारी गोशाला में जाकर कमियां बताकर और शासन से शिकायत करने की बात कहकर वसूली करती हैं।
इस सिलसिले में ज्यादातर चीजों की जानकारी जुटाई जा रही। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. सुरेश कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
