लखनऊ को पांच जिलों से जोड़ेगा 250 किमी लंबा ‘विज्ञान पथ’, शासन से मिली नई 6 लेन सड़क की मंजूरी

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार। एनसीआर की तरह राजधानी सहित छह जिलों को मिलाकर विकसित हो रहे उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपी एससीआर) में यातायात व्यवस्था और क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने के लिए शासन ने लखनऊ को पांच जिलों से जोड़ने के लिए 250 किमी छह लेन सड़क बनाने की हरी झंडी दे दी है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को इस महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना की डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस परियोजना का नाम ‘विज्ञान पथ’ रखा गया है।

राजधानी लखनऊ सहित सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली कुल छह जिलों के करीब 26,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन की कार्ययोजना बन रही है। इसके लिए जीआइएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकाम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड व एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम का चयन पहले ही हो चुका है। कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी। कंपनी अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए उनका डीपीआर तैयार करके स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का कार्य कराएगी। नगर विकास विभाग ने करीब 250 किलोमीटर लंबी और छह लेन चौड़ी विज्ञान पथ के प्रस्ताव पर लखनऊ को आसपास के हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव जैसे पांच प्रमुख जिलों को जोड़ने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में यह मार्ग राजधानी के चारों ओर एक बाह्य परिधीय कनेक्टिविटी की तरह काम करेगा, जिससे शहर के अंदर आने वाले भारी वाहनों और लंबी दूरी के ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम होने की उम्मीद है।

शहीद पथ और किसान पथ के बाद तीसरा बड़ा कॉरिडोर

राजधानी में पहले से दो प्रमुख लिंक शहीद पथ और किसान पथ संचालित हैं। इन दोनों ने शहर के दक्षिण और पूर्वी हिस्से में यातायात का संतुलन साधा है। अब विज्ञान पथ के जुड़ने से शहर के उत्तर और पश्चिम हिस्से को भी वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। योजना के अनुसार, यह मार्ग विभिन्न प्रमुख हाइवे और राज्य मार्गों से जुड़ते हुए एक पूर्ण रिंग रोड का स्वरूप लेगा। इसके साथ ही प्रस्ताव है कि मार्ग के किनारे औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक हब, संस्थागत और आवासीय ज़ोन विकसित किए जाएं, ताकि क्षेत्रीय विकास को नया आयाम मिले।

एलडीए ने शुरू की प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करना

नगर विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना के लिए प्रारंभिक सर्वेक्षण और संभावित भूमि चिह्नांकन का काम शुरू हो चुका है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को एससीआर योजना में जोड़ा जा रहा है। इस योजना के तहत सड़क की संभावित लागत, निर्माण चरण, भूमि आवश्यकताएं और वित्तीय मॉडल तय किए जाएंगे। परियोजना का उद्देश्य केवल शहर का यातायात सुधारना नहीं, बल्कि लखनऊ को एक रिंग-इकोनॉमिक ज़ोन के रूप में विकसित करना भी है। इससे न सिर्फ शहर के बाहरी क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी, बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी खुलेंगे।

संबंधित समाचार