112 पर न उठे कॉल तो तुरंत करें ये काम... यूपी पुलिस ने शुरू किया ई-साथी कैम्पेन... नहीं करना पड़ेगा इंतजार

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: आपात स्थिति में अगर डायल-112 की लाइन व्यस्त हो या तकनीकी कारणों से कॉल न लगे तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप सीधे भारत सरकार की आपातकालीन एप 112 INDIA के जरिए एक क्लिक में पुलिस की मदद ले सकते हैं। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल करना होगा।

किसी आपात स्थिति में लाल रंग का SOS बटन दबाते ही आपकी लोकेशन सीधे यूपी-112 मुख्यालय पहुंच जाएगी और चंद मिनटों में पुलिस आपके पास पहुँच जाएगी। बुधवार को जेसीपी कानून एवं व्यवस्था बब्लू कुमार ने ई-साथी कैम्पेन की शुरुआत करते हुए एप और इसकी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जेसीपी ने यूपी पुलिस की कई इमरजेंसी सुविधाओं के बारे में भी पूरी जानकारी साझा की।

ये हैं यूपी पुलिस की इमरजेंसी सुविधाएँ:

यूपी डायल 112: यह इंटीग्रेटेड इमरजेंसी नंबर है। पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी आकस्मिक स्थिति में कॉल करें। सूचना मिलने पर पांच-सात मिनट में शहरी और 10-11 मिनट में ग्रामीण क्षेत्र में मदद पहुँचाई जाएगी।

यूपी 112 नाइट स्कॉट: महिलाओं और युवतियों के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक की सेवा। अगर घर जाते समय सुरक्षित साधन न हो या अकेले यात्रा में डर लगे तो कॉल करें। महिला पीआरवी सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाएगी।

1090 वीमेन पॉवर लाइन: अगर कोई युवक महिला को परेशान करता है तो 1090 डायल करें। पहचान गोपनीय रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई होती है।

181 महिला हेल्पलाइन: घरेलू हिंसा का शिकार महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं। इसके अलावा मेडिकल, पुलिस, विधिक सलाह, काउंसलिंग और पांच दिन तक निशुल्क रहने की सुविधा भी मिलती है।

पिंक बूथ: शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 99 पिंक बूथ बनाए गए हैं। महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं, कानूनी सलाह ले सकती हैं और जरूरत पड़ने पर महिला अधिकारी तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराती हैं।

मिशन शक्ति केंद्र: सभी थानों में महिला उत्पीड़न से संबंधित केंद्र। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई, काउंसलिंग और कानूनी सलाह दी जाती है।

1098 चाइल्डलाइन: बच्चों से संबंधित समस्याओं का समाधान। प्रताड़ना या खतरे की स्थिति में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। रेस्क्यू और काउंसलिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

1076 सीएम हेल्पलाइन: किसी भी समस्या के लिए कॉल करें। शिकायत दर्ज होने के 15 दिन के भीतर उसका निराकरण किया जाएगा। फर्जी शिकायत पर कार्रवाई होगी।

संचार साथी: दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित डिजिटल मंच। मोबाइल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और चोरी/खोए मोबाइल की समस्याओं का समाधान करता है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म: लखनऊ पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल (एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम) से नागरिक नवीनतम अपडेट प्राप्त कर सकते हैं और सीधे संवाद कर सकते हैं।

यूपी-कॉप एप: उत्तर प्रदेश पुलिस की ऑफिशियल मोबाइल एप। नागरिक त्वरित अलर्ट प्राप्त कर सकते हैं, अपराध रिपोर्ट कर सकते हैं और विभिन्न पुलिस सेवाओं तक आसान पहुंच पा सकते हैं।

 

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