प्रयागराज : नए आपराधिक कानूनों के तहत मामले को निस्तारित करने के लिए कदम उठायें
अमृत विचार, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुराने अधिनियमों में सुधार की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए कहा कि चूंकि पुराने अधिनियमों को नए आपराधिक कानूनों, यानी भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, इसलिए अगर याची को नए कानून को लेकर कोई शिकायत है तो वह उन्हें चुनौती दे सकता है।
कानून में उक्त संशोधन और नए कानून के आने के मद्देनजर अगर उसकी शिकायत अभी भी बनी हुई है, तो वह कानून के अनुसार उचित कदम उठा सकता है। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने आगरा निवासी सूरजपाल सिंह की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए पारित किया।
याचिका में यह बताया गया था कि भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और अन्य आपराधिक कानून भारत के संविधान के अनुच्छेद 13 और 21 का उल्लंघन करते हैं। याची ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर तर्क दिया कि कानून गैर-सुधारात्मक और अधिक दंड उन्मुख थे, अतः उनमें बदलाव की आवश्यक है।
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