शाहजहांपुर: दावत में अपमान नहीं सह पाया दिव्यांग, फंदा लगाकर दी जान

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Published By Preeti Kohli
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शाहजहांपुर, अमृत विचार: शादी की दावत में सब के साथ खाना खाने से मना करने और भरा बुरा कहने पर आहत होकर दिव्यांग ई-रिक्शा चालक ने पेड़ से रस्सी का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर ली। उसका मोबाइल व ई-रिक्शा पेड़ के नीचे मिला। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

मीरानपुर कटरा थाना क्षेत्र के गांव कटैइया निवासी पूरनलाल कश्यप के यहां शनिवार को उसकी बेटी की शादी थी और दावत चल रही थी। दावत में गांव के लोग एक साथ खाना खा रहे थे। गांव का दिव्यांग ई-रिक्शा चालक 28 वर्षीय नंदलाल सबके साथ बैठकर दावत खा रहा था। गांव के वीरपाल ने विरोध जताया।

वीरपाल ने दिव्यांग नंदलाल को कोढ़ी बताते हुए कहा कि इन्हें सब के साथ खाना खिलाना चाहिए। आरोपी ने कहा कि इसको गांव के बाहर मडैइया में खाना खिलाना चाहिए था, जिससे गांव वालों को कुष्ठ रोग नहीं होगा। नंदलाल वीरपाल की बातों से आहत हो गया। 

वह दावत में खाना छोड़कर ई-रिक्शा लेकर नहर के किनारे गया। ई-रिक्शा चालक ने पेड़ में रस्सी का फंदा गले में डालकर जान दे दी। रविवार की सुबह लोगों ने उसका शव नहर के किनारे पेड़ से लटका देखा। खबर मिलने पर जोरावर परिवार के साथ गया और देखा कि उसके बेटे का शव लटका हुआ है। उसका ई-रिक्शा और मोबाइल पेड़ के नीचे था। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक जुगुल किशोर सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और शव को उतार लिया। 

पुलिस लाइन से फोरेसिंक टीम पहुंची और जांच करके नमूने लिए। जोरावर ने थाना पर दी गई तहरीर आरोपी वीरपाल के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है। उसकी शादी नहीं हुई थी और तीन भाइयों मे दूसरे नंबर का था। मौत की खबर से परिवार में रोना पीटना मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।

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