उत्तर प्रदेश में सिलसिलेवार हो रहा है धर्मांतरण गिरोहों का खुलासा, छांगुर प्रकरण के बाद प्रदेश का कोना-कोना टटोल रही एजेंसियां

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Published By Muskan Dixit
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बरेली से लेकर कोलकाता तक यूपी के सुरक्षातंत्र ने उखाड़ दीं धर्मान्तरण की जड़ें

लखनऊ, अमृत विचार: छांगुर प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त हिदायत का असर दिख रहा है। राज्य और राज्य के बाहर कोने-कोने पर जांच एजेंसियों और इंटीलिजेंस की नजर है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले छांगुर समेत अन्य खतरनाक गिरोहों की करतूतें अब परत-दर-परत उजागर हो रही हैं।

धर्मांतरण को लेकर बरेली से लेकर कोलकाता तक बड़ा खुलासा हुआ है। ये सारे खुलासे छांगुर मॉड्यूल पर चल रहे गिरोहों से संबधित है। जांच में पता चला है कि धर्मांतरण के जाल में फंसाने के बाद हिंदू लड़कियों को जिहाद में धकेलने की योजना थी। यह उसी तर्ज पर किया जा रहा था जैसा आईएआईएस करता है। धर्मांतरण गैंग के आगरा मॉड्यूल का कनेक्शन लश्कर-ए-तैयबा से होने की जांच बहुत तेजी से बढ़ रही है।

दरअसल, छांगुर बाबा गिरोह नाम के इस नेटवर्क के खुलासे ने न केवल पुलिस प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। बरेली, लखनऊ, बलरामपुर, अलीगढ़ और कोलकाता समेत पूरे देश में फैले इस नेटवर्क में महिलाओं से लेकर धर्मगुरुओं तक की भूमिका सामने आई है।

प्रदेश में धर्मांतरण के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं। पहले बलरामपुर, फिर आगरा और अब शाहजहांपुर में एक धर्मांतरण सिंडिकेट का राजफाश हुआ है। शाहजहांपुर में कुछ ट्रस्टों द्वारा इस मद में दी गई वित्तीय सहायता की पुष्टि होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। आशंका है कि इन लोगों को विदेशी पैसा मिला है। यह जांच एक हिंदू संगठन की शिकायत के आधार पर शुरू की गई। शिकायत में स्थानीय महिला किरण जोशुआ (37) का नाम आया है। आरोप है कि ये लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म अपनाने की सलाह देती थी।

इस बीच यूपी पुलिस ने आगरा के अलावा गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान के 11 ठिकानों पर छापा मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, पूरे देश में चल रहे इस तरह के नेटवर्क में कम उम्र की लड़कियों को प्रलोभन, लव जिहाद और अन्य तरीकों से प्रभावित करके धर्मांतरण कराया जाता है। अवैध धर्मांतरण का यह आईएसआईएस का सिग्नेचर स्टाइल है। इस रैकेट को चलाने के लिए यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका के जरिए फंडिंग भारत में आ रही थी। इस ग्रुप का संबंध पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी होने के संकेत मिले हैं।

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