8वीं बार बनेगा नया रिकॉर्ड! पिछला कीर्तिमान तोड़ने के लिए देशी दीयों की रोशनी से जगमगायेगा अयोध्या शहर
अयोध्या, अमृत विचार। वर्ष 2025 के दीपोत्सव में आठवीं बार पिछला कीर्तिमान तोड़ने के लिए नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। एक ही स्थान पर सबसे ज्यादा बार सबसे ज्यादा दिए जलाने का रिकॉर्ड अब तक श्री राम की नगरी अयोध्या के पास है। जो देशी दिये से प्राकृतिक रोशनी बिखेरने वाला शहर बन गया है। अयोध्या में जो कुछ भी हो रहा है। उसमें त्रेता की बानगी पिरोने की कोशिश हो रही है। दीपोत्सव भी उसी का प्रतिरूप है। त्रेता में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की अयोध्या वापसी पर दिए जलाए गए थे।
रोशनी की गई थी। हरिद्वार के संत राम मनोरथ दास, पं. जीपी त्रिपाठी के साथ कई अन्य बताते हैं कि देशी दियों के जलने से उस स्थान पर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। आज भी दीपावली पर घरों में घी और तेल से दीपों को प्रज्जवलित करने के पीछे मकसद घर में सकारात्मक ऊर्जा सृजन ही है। शक्ति का प्राकृतिक स्वरूप भगवती पारंबा को माना जाता है। इसीलिए दीपोत्सव और दीपावली के पूरे पर्व का संबंध गहरे से भगवती लक्ष्मी से माना जाता है। अयोध्या में बार-बार दीपोत्सव और रिकॉर्ड तोड़ने और बनाने के पीछे यह बड़ा आध्यात्मिक कारण अध्यात्म के जानकार मानते हैं।
इसके साथ आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक ऊर्जा सृजन का प्रयास भी है। सृजित इस सकारात्मक ऊर्जा का लाभ आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा। लगातार रिकॉर्ड बनने और टूटने के पीछे का मूल अंदरखाने में यह है। इसलिए अयोध्या आठवीं बार सकारात्मक ऊर्जा के लिए अपने ही कीर्तिमान को तोड़ने की तैयारी में हैं। साल 2017 में मात्र 1.71 लाख दिये के साथ शुरू हुए दीपोत्सव में दियों की संख्या 26 लाख तक पहुंच गई है। इस बार साल 2024 के 25,12,585 के रिकॉर्ड को तोड़े जाने तैयारी है।
दीपोत्सव में जलाए गए दीपकों पर एक नजर
साल-दीपों की संख्या(लाख में)
2017-1.71
2018-3.01
2019-4.04
2020-6.06
2021-9.41
2022-15.76
2023-22.23
2024-25.12
2025-26.11
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