Bareilly : शाही थाने का हिस्ट्रीशीटर है लूट का शिकार सराफ...13 साल पहले रची थी फर्जी लूट की कहानी
बरेली, अमृत विचार। पुलिस शुरुआती जांच में सराफ के साथ हुई लूट की घटना को उसके पूर्व के रिकार्ड को देखकर संदिग्ध मान रही है। सराफ ने इससे पहले भी 2012 में अपने साथ 7 किलो चांदी की लूट का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन वह पुलिस की जांच में फर्जी निकला था। जिसे चार दिन बाद पुलिस ने एक्सपंज कर दिया था। इसके अलावा सराफ थाना शाही का हिस्ट्रीशीटर भी है। वह आर्म्स एक्ट के मामले में जेल जा चुका है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कस्बा शाही के मोहल्ला ठाकुरद्वारा निवासी सुभाष रस्तोगी शाही थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसने सराफ के घर पर डकैती डाली थी, जबकि वह आर्म्स एक्ट के एक मामले में जेल भी जा चुका है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सराफ सुभाष रस्तोगी ने 2012 में भी इसी तरीके से 7 किलो चांदी लूटने का मुकदमा लिखवाया था। जो जांच में फर्जी पाए जाने के बाद चार दिन बाद एक्सपंज कर दिया गया था।
सराफ ने सोमवार को जिस जगह पर लूट का दावा किया है, वर्ष 2012 में भी वहीं पर अपने साथ लूट होना बताया था। इसके अलावा सराफ ने पुलिस को बताया कि दो बाइक पर छह बदमाश आए थे, जबकि सराफ की बेटी का कहना है कि बाइक पर तीन बदमाश थे। पुलिस सभी के बयान के आधार पर मामले की जांच कर रही है। एसएसपी ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं और आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। जल्द ही लुटेरों की पहचान कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने की कांबिंग, नहीं लगा बदमाशों का सुराग
सराफ के साथ मौके पर सीओ बहेड़ी डॉ. अरुण कुमार सिंह ने पुलिस के साथ जांच की। पुलिस ने आसपास के इलाकों में बदमाशों की कांबिंग की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस टीमें मामले की जांच कर रही हैं। बदमाशों की मारपीट में घायल हुए सर्राफ को सीएचसी में उपचार के लिए ले जाया गया।
सराफ को बचाने पहुंचे युवक से भी मारपीट
हमले के दौरान पास के गांव जिया नगला का एक व्यक्ति उन्हें बचाने पहुंचा, लेकिन आरोप है कि बदमाशों ने उसे भी पीटकर भगा दिया। वारदात के बाद सराफ के परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। परिजनों का आरोप है कि सूचना के करीब डेढ़ घंटे बाद शेरगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि शाही थाने की पुलिस पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गई थी। सरेशाम हुई घटना से बाजार में दहशत फैल गई और लोग अपनी दुकानें बंद कर जल्दबाजी में घर लौटने लगे। साप्ताहिक बाजार में भगदड़ का माहौल बन गया।
